लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भी ईवीएम पर सवाल उठाए गए थे। तमाम विवाद भी हुआ और चुनाव आयोग ने यह साबित भी करने की कोशिश की कि वोट डालने की इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती परंतु एक बार फिर ईवीएम सवालों की जद में आ गई है। मामला नगरीय निकाय चुनावों का है जिसमें बीजेपी को एतिहासिक जीत मिली। सहारनपुर में खड़ी हुई एक पार्षद प्रत्याशी को कोई वोट नहीं मिला यहां तक की उसका खुद को वोट भी दर्ज नहीं हुआ। प्रत्याशी का कहना है कि उसने परिवार सहित वोट डाला था। वह इवीएम में जीरो कैसे हो गया। मामले की शिकायत डीएम से की गई है।
वार्ड-54 से प्रत्याशी शबाना पत्नी इकराम को मिले वोट जीरो थे। प्रत्याशी शबाना पति इकराम ने इवीएम की कार्यप्रणाली पर दनादन कई सवाल दाग दिए। उनका कहना था कि क्षेत्र के लोगों के साथ ही पूरे परिवार ने वोट डाले थे, लेकिन इवीएम में हर राउंड में उनके जीरो वोट ही दर्शाए गए। सवाल उठाया कि ऐसा कैसे हो सकता है? मीडिया के समक्ष भी इकराम ने इवीएम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ वह निर्वाचन आयोग में शिकायत करेंगे। यदि न्याय नहीं मिला तो न्यायालय की शरण भी लेंगे।
इकराम ने मौके पर मौजूद डीएम पीके पांडेय को भी जीरो वोट की बात बताते हुए दोबारा मतगणना कराने की मांग की। उधर डीएम का कहना था कि इवीएम पर किस मतदाता ने वोट कहां डाला, यह रिकार्ड में नही होता। हो सकता है कि प्रत्याशी ने गलती से अपना वोट किसी दूसरे प्रत्याशी को ही डाल दिया हो।