GST के कारण मोदी सरकार को 2 माह में साल भर के बराबर घाटा | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। देश का राजकोषीय घाटा नवंबर अंत में ही पूरे साल के लिए तय अनुमान से आगे निकल गया। जीएसटी के तहत पिछले दो महीने के दौरान कम रेवन्यू और अधिक खर्च से राजकोषीय घाटे का आंकड़ा नवंबर अंत में ही बजट में तय पूरे साल के अनुमान से आगे निकलकर 112 प्रतिशत हो गया। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में अप्रैल से नवंबर अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 6.12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जबकि बजट में पूरे वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे के 5.46 लाख करोड़ रुपये रहने का लक्ष्य तय किया गया था।

राजकोषीय घाटा तय वार्षिक अनुमान के 112 प्रतिशत तक पहुंच गया जबकि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में यह घाटा वार्षिक बजट अनुमान का 85.8 प्रतिशत था। सरकार ने वर्ष 2017-18 के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। इससे पिछले वर्ष सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 प्रतिशत रखने में सफल रही थी। 

सीजीए के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर की 8 महीने की अवधि में सरकार का कुल रेवन्यू 8.04 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि उसके वार्षिक बजट अनुमान 15.15 लाख करोड़ रुपये का 53.1 प्रतिशत है। एक साल पहले यह अनुपात 57.8 प्रतिशत रहा था। इस दौरान सरकार का कुल खर्च वार्षिक खर्च के अनुमान का 59.5 प्रतिशत रहा जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 57.7 प्रतिशत रहा था। 

सरकार ने 2017-18 में कुल 21.4 लाख करोड़ रुपये रखा है जिसमें खर्च को 3.09 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। नवंबर 2017 में जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति सबसे कम रही है। जीएसटी परिषद ने कई वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती की जिसके बाद नवंबर में जीएसटी कलेक्शन घटकर 80.8 हजार करोड़ रुपये रह गया। इससे पिछले महीने यह 83 हजार करोड़ रुपये रहा था। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद नवंबर में जीएसटी कलेक्शन सबसे कम रहा है। 

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