
अधिकारी ने बताया कि 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण के लोकसभा के पटल पर रखे जाने की उम्मीद है और उसके अगले दिन आम बजट पेश किए जाने की संभावना है। बजट को फरवरी के अंत में प्रस्तुत किए जाने की ब्रिटिशकालीन परंपरा को खत्म करते हुए इस साल जेटली ने पहली बार आम बजट को एक फरवरी को पेश किया था।
इसका तर्क यह है कि एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले सभी बजट प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाए ताकि समय पर धन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इस बदलाव के साथ ही रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा को भी समाप्त कर इसे आम बजट में ही मिला दिया गया था। बजट सत्र की संभावित तारीखों से संसद के दो सत्रों के बीच एक माह से भी कम का अंतर होगा। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होकर पांच जनवरी तक चलेगा।