
गुजरात चुनाव ब्रांड मोदी के लिए एक लिटमेस टेस्ट की तरह है। जो यह तय करेगा की आने वाले दो साल सरकार का एजेंडा क्या रहेगा। उसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भी है, क्या मोदी लहर कायम रह पाएगी। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि अगर गुजरात में मोदी को बड़ी जीत मिलती है तो उनका आर्थिक रिफॉर्म का सिलसिला जारी रह सकता है, जिसका इंतजार ही चीनी कंपनियां कर रही हैं।
चीन की ओर से पिछले काफी समय से भारत में निवेश की मात्रा बढ़ी है। कई चीनी कंपनियों को यह विश्वास है कि भारत के नए और बड़े बाजार के रूप में तैयार हो रहा है। इसके लिए मोदी सरकार को आर्थिक फैसले ले रही है, वह चीनी कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
चीन की कुछ कंपनियों को डर है कि अगर गुजरात में मोदी की हार होती है तो केंद्र में जो उनके द्वारा कठिन आर्थिक फैसले लिए जा रहे हैं उनपर ब्रेक लग जाएगा। चूंकि, गुजरात के बाद कई अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं। चुनावी नतीजों के बाद अन्य राज्य में भी बीजेपी को झटका लग सकता है जो भारी पड़ेगा।
अखबार के अनुसार, मोदी ने जो अभी तक फैसले लिए हैं, उनपर अर्थशास्त्रियों और विपक्ष ने उनपर हमला बोला है लेकिन मोदी के गुजरात मॉडल का सही आकलन गुजरात के लोग ही कर सकते हैं। गुजरात का नतीजा कुछ भी हो इसका असर मोदी की छवि और उनके काम कर ने की नीति पर जरूर पढ़ेगा। अखबार ने कहा है कि चीन को गुजरात में बीजेपी की परफॉर्मेंस पर नजर रखनी चाहिए। अखबार में लिखा है कि भारत में चीनी कंपनियों को गुजरात के नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। चूंकि नतीजे ही आने वाले समय के आर्थिक फैसलों का रास्ता तय करेंगे।
आपको बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे। अभी एग्जिट पोल आए हैं, अधिकतर एजेंसियों के एग्जिट पोल में बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिखाया गया है।