
सम्मान बच गया लेकिन स्वाभिमान
इस लिहाज से बीजेपी फिर से गुजरात में सरकार बनाती दिख रही है, लेकिन अगर पिछले चुनाव परिणाम पर नजर दौड़ाएं, तो इस बार बीजेपी सरकार जरूर बना रही है, लेकिन कम सीटें मिलने से एक बात तो साफ है कि पीएम मोदी की लहर उनके गृहराज्य में कमजोर पड़ती नजर आ रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बीजेपी को 48 और कांग्रेस को 40 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके अलावा एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।
गुजरात- किसको कितना प्रतिशत
बीजेपी- 47
कांग्रेस- 42
अन्य- 11
सीटें
बीजेपी- 99-113
कांग्रेस- 68-82
पहले चरण
बीजेपी - 48 सीटें
कांग्रेस को 40 सीटें
गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में नौ दिसंबर और दूसरे चरण में 14 दिसंबर को मतदान हुए। पिछले चुनाव में गुजरात विधानसभा में बीजेपी को 115 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 61 सीटें मिली थी। बाकी सीटें अन्य के हिस्से आई थीं। गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर वोट डाले गए, जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोट डाले गए।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया पोल में बीजेपी को बढ़त
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी अपने गढ़ माने जाने वाले गुजरात को अपने पास ही बरकरार रखने जा रही है। इससे पहले एक्सिस माई इंडिया पोलिंग एजेंसी ने 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी का सटीक अनुमान लगाया था। इसके बाद एजेंसी के दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के अनुमान भी सही साबित हुए थे।
एक्सिस की ओर से 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच गुजरात की सभी 182 विधानसभा सीटों के लिए कराए गए ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी 115 से 125 सीटों पर जीत का परचम लहराने जा रही है. बीजेपी के लिए 2007 और 2012 में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में कमोवेश ऐसे ही नतीजे देखने को मिले थे.
ओपिनियन पोल के मुताबिक गुजरात की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खाते में 57 से 65 सीटें आती दिख रही हैं. 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 60 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. एक्सिस माई इंडिया पोल में 18243 प्रतिभागियों के सैम्पल एकत्र किए गए. 48 फीसदी प्रतिभागियों ने बीजेपी को वोट देने की बात कही.
वहीं, 38 फीसदी ने कांग्रेस के पक्ष में राय जताई. दो धुरों वाली दौड़ में वोटों में 10 फीसदी का अंतर ये जताने के लिए पर्याप्त है कि बीजेपी सत्ता विरोधी रुझान को मात देते हुए फिर गुजरात की सत्ता पर काबिज होने जा रही है. 22 साल से गुजरात की सत्ता में होने की वजह से बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी रुझान की संभावना की बात की जाती रही है.