
इसमें गोवा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मप्र सहित श्रीलंका, भूटान व नेपाल के भी एचआईवी पीड़ित शामिल होंगे। इन राज्यों में एचआईवी पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने हर राज्य का एक नेटवर्क ग्रुप बनाया है, जिसके बैनर तले यह आयोजन हो रहा है।
इंदौर में पिछले साल 150 लोग हुए थे शामिल
इंदौर में सितंबर 2016 में एचआईवी पीड़ितों का परिचय सम्मेलन हुआ था। इसमें दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के करीब 150 लोग शामिल हुए थे। शहर के विश्वास एनजीओ के प्रयास से उसमें से पांच-छह जोड़ों के विवाह हुए थे।
700 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
नेटवर्क ऑफ महाराष्ट्र बाय पीपल लिविंग विद एचआईवी के विजय भिंडे ने बताया कि अभी तक हमारे पास 700 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस जानकारी के आधार पर हम 22 से 26 वर्ष के अविवाहित और तलाकशुदा या एकल जीवन जी रहे लोगों की श्रेणी बना रहे हैं।
2016 में शहर में जो सम्मेलन करवाया था, उसमें 150 में से 30-40 महिलाएं थीं। इनमें इंदौर के 20 युवक-युवतियां थे। सूरत में होने वाले सम्मेलन के लिए 4 युवकों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। महाराष्ट्र में एचआईवी पीड़ित विवाह के लिए खुलकर सामने आते हैं, लेकिन मप्र में अब भी पीड़ित संकोच करते हैं। -सोमा शर्मा, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर विश्वास एनजीओ, इंदौर