मंडला। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है जिसका फार्म भरने से पहले भी कई उम्मीदवार 100 बार सोचते हैं। इसकी तैयारी के लिए लोग अपने बच्चों पर लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। कई कोचिंग क्लास (COACHING CLASS) सफलता के सपने दिखातीं हैं परंतु नतीजा वो नहीं आता जिसके लिए सारी मेहनत और खर्चा किया जाता है। यहां पान वाले की बेटी ने बिना किसी इंस्टीट्यूट (INSTITUTE) को ज्वाइन किए एक नहीं 2 बार पीएससी की परीक्षा पास की। पहली बार वो सेल टैक्स इंस्पेक्टर के लिए चयनित हुई और इस बार डिप्टी कलेक्टर बन गई।
मंडला जिले के एक मामूली से पान दुकान संचालक की बेटी आयुषी जैन ने MPPSC में दसवां स्थान हासिल कर एक मिसाल कायम की है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आयुषी जैन ने संघर्ष नहीं छोड़ा और डिप्टी कलेक्टर जैसे प्रतिष्ठित पद को को प्राप्त करने में सफलता हासिल की। आयुषी ने इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद 2015 में PSC की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में ही वह सेल टैक्स इंस्पेक्टर बनने में कामयाब हो गई। इस कामयाबी ने उसे लक्ष्य तक पहुंचने के लिये प्रेरित किया और दूसरे प्रयास में वह डिप्टी कलेक्टर के अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो गई।
जिला पंचायत के सामने एक छोटी सी पान दुकान संचालित करने वाले शरद जैन की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है। उनकी छोटी बेटी आयुषी जैन ने अपने पिता का संघर्ष बेकार जाने नहीं दिया और अपने दूसरे ही प्रयास में MPPSC के सर्वोच्च डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित होकर पूरे परिवार को गौरान्वित कर दिया। आयुषी ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार को दिया है जो हर वक्त उसको अपना लक्ष्य हासिल करने के लिये प्रोत्साहित करते रहते थे।
आयुषी की इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। आयुषी के पिता बताते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी छोटी सी पान दुकान से कैसे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई। तमाम विपरीत परिस्थितियों और कठिनाइयों के बावजूद उनकी बेटी ने कड़ा परिश्रम किया और अपनी मेहनत व काबिलियत के बदौलत डिप्टी कलेक्टर बनने में कामयाब हो गई।
अब आयुषी की बड़ी बहन भी अपनी छोटी बहन की सफलता से प्रेरित होकर PSC उत्तीर्ण कर अधिकारी बनना चाहती है। वहीं, आयुषी की तरह उसके पिता भी चाहते हैं कि अब बेटी कलेक्टर बनकर परिवार का नाम रोशन करे।