सिहोरा। यहां अधिकारी और नर्मदा नहर के निर्माण में लगे उपयंत्री की मिलीभगत से व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाते हुए नर्मदा नहर की माइनर नहर का प्रस्तावित नक्शे को ही बदल देने का कारनामा सामने आया है जिसको अपनी मनमर्जी से फेरबदल करते हुये नहर को आड़े तिरझे आकार में बनाकर, सर्पाकार कर दिया है और जिन कृषको को मुआवजा नही मिला उनकी कृषि भूमि से नहर बना रहे हैं। जबकि उक्त नहर का मुआवजा प्रस्तावित नक्शे के आधार पर पहले ही मिल चुका है लेकिन जिन्हें मुआवजा की राशि मिली है उन्ही लोगों को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाते हुए ।यह फेरबदल कर कारनामे को अंजाम दिया गया है।
मझौली तहसील के पोंडा वृत्त के ग्राम बरगी में प.ह.न. 75 के खसरा क्रमांक खसरा नम्बर 869 ब्रजमोहन मिश्रा और खसरा नम्बर 868/1 जली बाबा के खेत से नर्मदा नहर के निर्माण की जब शुरुआत हुई तब नहर का नक्शा सीधा था लेकिन बनते बनते नहर सर्पाकार हो गई है । जबकि नहर के लिए अर्जित भूमि का मुआवजा भी किसान ले चुके हैं लेकिन बाद में यही भूमि स्वामी नहर निर्माण में लगे अधिकारियों की मिलीभगत से नहर का नक्शा बदल दिया गया हैं जबकि इस जमीन से लगे बाजू के खेत से नहर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है जबकि इन भूमि स्वामी को न ही भूमि अर्जित करने का कोई नोटिस मिला और न ही मुआवजा मिला है।
बजरंग बाड़ा के जली बाबा और ब्रजबल्लभ मिश्रा की जमीन से नहर निकलने का नक्शा था जिसका मुआवजा राशि भी इन दोनो को मिल चुकी है । लेकिन इनको व्यक्तिगत लाभ देते हुए नक्से को बदल कर आड़ा- तिरझा आकार देकर निर्माण किया जा रहा और निर्माण परियोजना के वरिष्ठ अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं ।
यह है मामला
शुरुआत में जब नर्मदा की माइनर नहर के निर्माण को शुरू किया गया और सर्वे किया गया तब यह नहर प ह 75 के खसरा नम्बर 869 ब्रजमोहन मिश्रा और खसरा नम्बर 868/1 जली बाबा के खेत से जा रही थी जिसका उसी समय इनकी अर्जित की गई जमीन का मुआवजा भी ले चुके हैं । लेकिन मिलीभगत करके मुआवजा लेने के बाद भी नहर के नक्से को बदलाव करा कर बाजू वाले खेत से जिसका खसरा नम्बर 857/1 व 858 सन्तोष मिश्रा और खसरा नम्बर 867 केशव प्रसाद तिवारी की जमीन से निकालने के लिए बदलाव कराया गया जिससे इनकी जमीन नहर की भूमि में अर्जित न हो सके । और मुआवजा भी रख लिया गया ऐसा करके इन लोगों द्वारा शासन की राशि भी फर्जी तरीके से हड़प करने की योजना सफल हो रही है जिसमे इनको मुआवजा भी मिल चुका है और भूमि भी अर्जित नही हो रही है।