
इसमें सिंधिया और वोरा समेत उनके गुट के 6 सदस्य अनुपस्थित रहे। बैठक में एमजेईएस के पदाधिकारियों का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। सोसायटी का नया चेयरमैन बनने के बाद प्रतापभानु शर्मा अपनी नई टीम के साथ गुरुवार शाम 4.45 बजे एसएटीआई डायरेक्टर के कक्ष में पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी मीडिया को दी। इसके बाद एसएटीआई डायरेक्टर और पालीटेक्निक प्राचार्य को भी अपने निर्णय से अवगत करवाया।
सिंधिया और शर्म दोनों अवैध: राघवजी
दूसरी ओर प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री एमजेईएस के पूर्व सेक्रेटरी राघवजी भाई ने कहा कि सिंधिया और प्रतापभानु शर्मा दोनों की सोसायटियां अवैध हैं। उनका दावा है कि मेरी पुरानी कमेटी ही वैध है। सिंधिया और शर्मा के नेतृत्व में गठित दोनों समितियों का कोई औचित्य नहीं है। वैसे भी मामला कोर्ट में हैं।