
क्या होता है मलमास
जब भी सूर्यदेव गुरु महाराज की राशि मीन और धनु मे प्रवेश करते है तो उस माह को मलमास कहा जाता है। उस समय सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते है। भारतीय पंचाग के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में संक्रांति करते हैं तो यह समय शुभ नहीं माना जाता। इसी कारण जब तक सर्य मकर राशि में संक्रमित नहीं होते तब तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किये जाते। पंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है।
ऐसा क्यों
भगवान सूर्य आत्मा के स्वामी है, सभी चराचर जगत के वे प्राण है। गुरुदेव ज्ञान, अध्यात्म, कृपा के स्वामी है। आत्मा का परमात्मा से मिलन गुरुकृपा द्वारा ही होता है। अन्य सारे संस्कार संसार की माया मे लिप्त कराने वाले हैं। इसीलिये जब सूर्यदेव गुरु की राशि मे आते है तब आत्मा से परमात्मा को मिलाने के लिये जप, पूजा पाठ का महत्व बढ़ जाता है। इस अवधि मे किये गये पुण्य, पवित्र नदियों मे स्नान, ग्रहशांति के अनुष्ठान पूर्ण फल प्रदान करते हैं। इस अवधि मे आप पितृदोष की शांति नारायण नागबलि, सभी पूजन पाठ अनुष्ठान आदि कर सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार जिस परम धाम गोलोक को पाने के लिए ऋषि तपस्या करते हैं, वही दुर्लभ पद खरमास में स्नान, पूजन, अनुष्ठान व दान करने वाले को सरलता से प्राप्त हो जाते हैं। गुरु की राशि में सूर्य का गोचर खरमास कहलाता है। खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं, पर इसमें भक्ति, साधना व उत्सव का क्रम जारी रहता है।
खरमास में क्या नहीं करना चाहिए
इस पूरे मास यानि धनु संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति तक विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिये। नई वस्तुओं, घर, कार आदि की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिये। घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिये।
खरमास में क्या करें
खर मास को मलमास भी कहा जाता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस मास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, चौलकर्म, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। लेकिन दान-पुण्य का हजार गुना फल मिलता है। शास्त्रों के अनुसार इस धनुमास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने नित्यकर्म से निवृत्त हो जाना चाहिए और यथा संभव भगवान विष्णु के नाम का जाप करना चाहिए। इन दिनों पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही गौ दान, ब्राह्मण की सेवा, दान आदि देने से अधिक फल मिलता है।
इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का भी महत्व माना जाता है। इस मास की एकादशियों का उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाया जाता है। इस मास में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप करें। पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है इस मास में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है।
सूर्य का धनु राशि मे प्रवेश तथा प्रभाव
सूर्य ग्रहों का राजा है,धनु राशि का सूर्य जाने माने प्रतिष्ठित लोगो,राजाओं,प्रधानपद मे बैठे लोगो को शुभ परिणाम देगा। पूर्वोतर देशों, राज्यों के लिये यह सूर्य अति शुभ फल प्रदान करेगा।
आध्यात्मिक साधना मे लगे जातको के लिये यह सूर्य अति शुभ फलदायक है। इस माह कोई विशिष्ट धार्मिक घटनाक्रम किसी धर्म विशेष के लिये शुभ परिणाम लायेगा।
पढ़िए आपको कितना प्रभावित करेगा
मेष-भाग्यपक्ष राज्यपक्ष बलवान होगा,प्रतियोगी परीक्षा मे सफलता का योग,मान प्रतिष्ठा मे वृद्धि का योग।
वृषभ-नेत्रों की सुरक्षा पर ध्यान दें,हृदयरोगी खान पान पर ध्यान दें,प्रतिष्ठा को ध्यान मे रखकर कार्य करें,सरकारी विवादों से बचें।
मिथुन-पराक्रम वृद्धि का योग,खिलाड़ी,सेना,तथा साहसी कार्य करने वालों के लिये शुभ समय।
*कर्क-आर्थिक कार्यों को शांतिपूर्वक सुलझाने का प्रयत्न करें,नवीन आर्थिक कार्यों के लिये समय शुभ नही।
*सिंह--मान प्रतिष्ठा की वृद्धि, पदोन्नति व पुरुस्कार प्राप्ति के योग,विद्यार्थी वर्ग के लिये शुभ समय,राजकीय कार्यों मे महत्वपूर्ण सफलता का योग।
कन्या-शासकीय कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करें,किसी भी सरकारी विवाद से बचें,वाहन,मकान तथा सामजिक कार्यों के लिये समय शुभ नही।
तुला-पराक्रम वृद्धि का योग,महत्वपूर्ण यात्रा आर्थिक क्षेत्र मे शुभ परिणाम देंगी,भाग्यपक्ष प्रबल।
वृश्चिक-राज्य से धन प्राप्ति का योग,आर्थिक क्षेत्र मे महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त होगी,धनयोग प्रबल।
धनु-भाग्य पक्ष प्रबल,राज्यपक्ष से बेहतरीन सहयोग प्राप्त होगा,मान प्रतिष्ठा वृद्धि के लिये श्रेष्ठ समय,अति शुभ समय लाभ उठावे।
मकर-अहंकार से संकट का योग,किसी भी सरकारी विवाद से दूर रहें,नेत्रों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
कुम्भ-आमदनी के स्त्रोत लाभ देंगे,शासकीय पक्ष से लाभ का योग।
मीन-राज्यपक्ष से मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा वृद्धि का योग,ज्ञान शिक्षा के क्षेत्र मे सफलता प्राप्ति के योग।
*पं.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,7000460931