
टर्म लोन और कैश क्रेडिट के नाम पर बांट दिए पैसे
सीनियर मैनेजर ने इन तीनों आरोपियों की मदद से डेयरी लगाने, मार्बल स्टील, गाड़ी का सर्विस सेंटर, रेडिमेड कपड़े की फैक्ट्री लगाने के नाम पर टर्म लोन और कैश क्रेडिट के नाम पर 6 करोड 20 लाख रुपए दे दिए। इन लोन में दस्तावेज फर्जी लगाए गए हैं। न ही किसी ने दिए गए पते पर कोई काम शुरू किया। इस मामले में सीबीआई ने इंदौर के कनाडिया रोड पर रहने वाले तत्कालीन सीनियर बैंक मैनेजर एमपी करारी के अलावा आष्टा में मनोज परमार, नेहा परमार के साथ हितेंद्र पंवार के घर पर कल छापा डाला है। छापे में सौ से अधिक दस्तावेज मिले हैं। दस्तावेजों की पड़ताल चल रही है।
ऐसे दिया आष्टा में अंजाम
पीएनबी आष्टा शाखा के सीनियर मैनेजर एमपी करारी ने आष्टा के मनोज परमार, मनोज परमार की पत्नी नेहा परमार और हितेंद्र पंवार के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 18 लोन लिए। इन लोगों ने लोन का पैसा 14 खातों में पहुंचाया। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार प्रोग्राम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत भी लोन दिए गए थे।
LNIPE के बड़े बाबू भी पीछे नहीं:
इधर ग्वालियर के एलएनआईपीई के बड़े बाबू (यूडीसी) इंद्र प्रकाश गर्ग ने एसबीआई के बैंक के डिप्टी मैनेजर दीपक बाली के साथ मिलकर एक ही दिन में कॉलेज के खाते से 25 लाख रुपए से ज्यादा निकाल दिए थे। जब यह बात कॉलेज को पता चली तो गर्ग को नोटिस दिया गया। नोटिस के बाद उन्होंने 32 लाख 12 हजार 503 रुपए कॉलेज के खाते में जमा कर दिए।