भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा (MP PATWARI EXAM) के दौरान बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के लिए केवल फिंगर प्रिंट (FINGER PRINT) का विकल्प ही रखा है। अपनी तकनीकी खामी को सुधारने के बजाए पीईबी के लोग परीक्षा केंद्रों से ऐसे उम्मीदवारों को भगा रहे हैं जिनके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो रहे परंतु अब ऐसा नहीं होगा। उन सभी भगाए गए उम्मीदवारों को भी मौका मिल सकेगा क्योंकि हाईकोर्ट ने एक मामले में इस तरह के आदेश जारी कर दिए हैं।
इंदौर निवासी छात्र शुभम नागर एक विशेष बीमारी से पीड़ित है, इस बीमारी में उसके हाथ के फिंगर प्रिंट उसके आधार से मिस मैच हो रहे हैं, पटवारी की परीक्षा में बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन जरुरी है, इस वजह से शुभम ने अपनी परीक्षा से पहले ही पीईबी (व्यापमं) को बीमारी के बारे में बताते हुए राहत देने की अपील की थी, लेकिन बोर्ड ने शुभम की बीमारी के बावजूद उसकी बात सुनने से मना कर दिया, जिस पर शुभम ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाकर परीक्षा देने की गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट ने बीमारी के मद्देनजर शुभम को अंतरिम राहत देते हुए आइरिस वेरिफिकेशन के आधार पर परीक्षा में शामिल होने देने का आदेश दिया है। शुभम के वकील विवेक नागर ने बताया कि 26 दिसम्बर को होने वाली पटवारी परीक्षा में शुभम बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बजाय आइरिस वेरिफिकेशन के आधार पर शामिल हो सकेगा, हालांकि उसका परीक्षा परिणाम मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद घोषित होगा।
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