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तमाम कोशिशों के बाद भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हुए प्रदेश के कद्दावर मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मामले में वैसे तो दिल्ली हाईकोर्ट को फैसला देना है लेकिन ऐसा लगता है कि मंत्री जी को इस बात का अंदेशा है कि फैसला उनके खिलाफ आ सकता है। यही वजह है कि नरोत्तम मिश्रा ने प्लान बी पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों दतिया विधानसभा क्षेत्र में नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा की सक्रियता बढ़ गई है। सुकर्ण पिता के साथ और अकेले भी दतिया में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखे जा रहे हैं। इसके अलावा सुकर्ण ने दतिया के कई पोलिंग बूथों में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इसके साथ ही जिले के कई स्थलों पर सुकर्ण का जोरदार स्वागत भी किया गया।
नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा की दतिया में बढ़ी सक्रियता पर इस तरह की अटकलें लगना लाजिमी है। चुनाव आयोग के फैसले को कई स्तर पर चुनौती देने के बाद नरोत्तम मिश्रा फौरी राहत पाने में कामयाब रहे, लेकिन माना जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा मामले में नए साल में दिल्ली हाइकोर्ट फैसला दे सकता है। अगर फैसला नकारात्मक आता है तो नरोत्तम मिश्रा बेटे सुकर्ण को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं।