
भौमिक ने कहा कि सबसे खतरनाक बात तो यह है कि हिंदुस्तान के अंदर हिंदुओं के मंदिर पर किसका कब्जा हो इसका फैसला कोर्ट करेगी, हिंदू नहीं करेंगे। ये कौन सा फैसला है, पाकिस्तान के अंदर मंदिर बनाए तो शायद शासन से अनुमति लेना होगी। जहां पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, वहां पर मंदिर था, उसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। उसे हटा दिया गया, वहां पर मंदिर बनाने के लिए कोर्ट की अनुमति चाहिए तो उसमें 25 साल लगे है।
भौमिक ने कहा कि फैसला काफी देर से हो रहा है, इस फैसले को लाने में 25 साल लग गए है। फैसला पक्ष में आए या नहीं आए वह अलग बात है, देश, प्रदेश हमारी सरकार है। इस देश का संसद सक्षम है कि कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण करवाया जाए। मंदिर बनना सुनिश्चित है। यदि कोर्ट के फैसले में कहीं कोई अड़चन आती है, तो उसके लिए दबाव डाला जाएगा।
भौमिक ने कहा कि दीपावली तक रामजन्म भूमि मंदिर की नींव रख दी जाएगी। कोर्ट में नियमित सुनवाई पहले क्यों नहीं कर रहे थे, आज इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी। इसके पहले 2010 में फैसला होने वाला था। न्यायधीशों के बारे में कुछ बोलना नहीं चाहिए, लेकिन बोलना हमारी मजबूरी है। हिंदू है,हम नहीं बोलेंगे तो कौन बोलेगा। जमीन को तीनों में बांट दिया जाए, ये कौन सा फैसला है।
भौमिक रतलाम के विधि महाविद्यालय में आयोजित रतलाम के तुषार कोठारी की पुस्तक कार सेवा आंखों देखी का विमोचन करने आए थे। इस दौरान उनके साथ जन अभियान परिषद् के उपाध्यक्ष प्रदीप पांडेय भी मौजूद रहे।