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कुछ महीने पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का एक कथित सर्वे सुर्खियों में आया था। सर्वे में कहा गया था कि प्रदेश के सत्ताधारी दल के 70 से 90 विधायक 2018 चुनाव में हार की कगार पर हैं। वहीं एक बार फिर सर्वे को लेकर भाजपा की हार की बातें सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि ये सर्वे पार्टी ने ही एक खुफिया एंजेसी से कराया है। जिसमें पार्टी के 60 से 70 विधायक हार की कगार पर हैं। वहीं करीब 25 विधायकों को कांग्रेस से कड़ी टक्कर का सामना करना होगा।
यह तो तय है कि 2018 का चुनाव भाजपा कुछ अलग तरह से लड़ेगी। शिवराज सिंह चौहान टीम का मुकाबला केवल कांग्रेस से नहीं है बल्कि भाजपा के भीतर भी होगा। नंदकुमार सिंह चौहान की कुर्सी भी खतरे में है। संभव है वो शिवराज सिंह मंत्रीमंडल में आने के लिए विधानसभा का चुनाव लड़ें। कई विधायकों ने पिछले सालों में परेशानियां पैदा कीं हैं। कई नेताओं के बेटे चुनाव के लिए तैयार हैं। 320 सीटों के लिए 450 से ज्यादा ऐसे दावेदार सामने हैं जिन्हे इंकार करना भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में कोई तो बहाना चाहिए, टिकट से इंकार के लिए।