भोपाल। कृषि विकास दर के नाम पर अपनी पीठ ठोकने वाली सरकार को अपनी समस्याएं बताने के लिए एक बार फिर किसान राजधानी में जमा हो गए। मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। किसान विधानसभा के बाहर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उन्होंने अपने कपड़े भी उतार दिए। किसानों का यह अर्धनग्न प्रदर्शन सीएम शिवराज सिंह चौहान की महतवाकांक्षी भावांतर योजना के खिलाफ था। कांग्रेसियों ने मौका का फायदा उठाया और किसानों के साथ शामिल हो गए।
किसानों ने भाजपा सरकार के दावों को झूठा बताते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने कहा कि भावांतर योजना लागू कर दी गई, लेकिन किसानों को इसकी जानकारी नहीं दी गई। इससे किसानों में इसे लेकर कन्फ्यूजन हो गई। किसानों ने कहा कि हमें फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। सरकार के सभी वादे खोखले साबित हुए हैं। सूदखोरों और कर्ज से परेशान होकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
किसानों के प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी जोश के साथ भाग लिया। कांग्रेसियों का आरोप है कि जब से शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी है, तब से प्रदेश का विकास रुक गया है। सरकार किसानों को कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है। इसी सरकार में महिला अपराध लगातार बढ़े है। किसानों के प्रदर्शन को उग्र होते देख पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी भी दी, अगर वह आगे बढ़े तो उन पर लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पहले से चल रहे हैं किसानों के आंदोलन
बता दें कि, मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन मंदसौर में हुए किसान गोलीबारी काड़ से शुरू हुआ था। जिसके बाद से प्रदेशभर में लगातार किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों का कहना है कि किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहें है। किसानों कि फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार किसानों का हितैषी बता रही है लेकिन किसानों को उनके अनाज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान नाराज है। किसानों यदि उनके अनाज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा तब तक किसान लगातार प्रदेश में आंदोलन करते रहेंगे।