भिंड। मध्यप्रदेश की विकास यात्रा के दोरान आयोजित आमसभा को संबोधित करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान आए थे। जब वो अपना भाषण शुरू करने ही वाले थे कि सीएम के पैरों के सामने मंच के नीचे एक व्यक्ति लेट गया। वो गिड़गिड़ा रहा था। उसका कहना था कि उसकी बेटी की हत्या कर दी गई है, पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। वो गिड़गिड़ता रहा। उसकी बात किसी ने नहीं सुनीं। पुलिस ने उसे उठाकर बाहर भेज दिया और कार्यक्रम चलता रहा।
सोमवार को भिंड में विकास यात्रा के दौरान 502 करोड़ के विकास कार्यों का शुभारंभ करन के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री का भाषण शुरु होने वाला ही था कि अचानक एक व्यक्ति जमीन पर लेट कर जोरों से रोने-बिलखने लगा, उसे देख सभी अचम्भे में पड़ गये। वो जमीन पर लेटा फूंट-फूंट कर रो रहा था। रोते हुए वह बोल रहा था 'मेरी बेटी को मार दिया, कोई सुनने वाला नहीं।'
सीएम से न्याय की आस लेकर आया था फरियाद
पता चला कि उसका नाम रामअवतार है। रामअवतार गोरमी ईलाके के रावतपुरा गांव का निवासी है। 8 सितंबर 2017 को रामअवतार की बेटी की ससुराल मे मौत हो गई थी। रामअवतार ने ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद रामअवतार ने न्याय की उम्मीद में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई लेकिन रामअवतार को कोई राहत नहीं मिल। लिहाजा सोमवार को सीएम की सभा मे रामअवतार का दर्द फूट पड़ा।
सीएम के दर से भी लौटा निराश
न्याय की उम्मीद में सीएम की सभा में पहुंचे रामअवतार को यहां भी निराश होना पड़ा। इसबार भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कार्यक्रम चलता रहा और उसे सभास्थल से बाहर निकाल दिया गया। उसे आश्वासन भी नहीं दिया गया।