भोपाल। अपनी पत्नी अमृता राय सिंह के साथ नर्मदा की पैदल परिक्रमा पर निकले अभा राष्ट्रीय कांग्रेस के अवकाश प्राप्त महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह अपने व्रत का ज्यादा दिनों तक पालन नहीं कर पाए और राजनीतिक बयान देने लगे। हालांकि उनके बयान फलहारी हैं वो अपने पुराने फॉर्म में नहीं आए हैं परंतु बयान तो राजनीतिक ही हैं। ताजा बयान में उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि 1500 किलोमीटर की यात्रा में उन्हे नर्मदा किनारे शिवराज सिंह द्वारा रोपे गए केवल 3 ही पौधे नजर आए।
मनावर से खबर आ रही है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश पर जगह-जगह स्वागत किया गया। होशंगाबाद के पूर्व सांसद रामेश्वर निखरा भी साथ थे। रविवार को यात्रा गांगली से प्रारंभ होकर कवठी होते हुए एकलबारा पहुंची। यहां नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर भी यात्रा में अपने समर्थकों के साथ शामिल हुईं। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता देवेंद्रसिंह तोमर व ग्रामीणों ने डूब प्रभावित क्षेत्र की विसंगती बताते हुए आधे गांव डूब में शामिल नहीं होना बताया। इस पर दिग्विजयसिंह ने कहा की इंजीनियर व अधिकारी कुछ और बताते हैं, सरकार कुछ और बताती है। मुझे भी ये बातें समझ में नहीं आ रही है, मेरे कार्यकाल में मैंने कहा था कि यदि गांव का थोड़ा-सा भी हिस्सा डूब में आ रहा है तो पूरा गांव शामिल किया जाए। मेधा पाटकर ने डूब प्रभावितों के साथ हुए अन्याय व विसंगतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
शिवराज ने करोड़ों बताए थे, मुझे तो 3 पौधे ही नजर आए
ग्राम अछोदा में जब दिग्विजयसिंह से यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि शिवराजसिंह की यात्रा व मेरी यात्रा में अंतर है। उनकी यात्रा काफिले व वाहन के साथ हुई थी, जबकि मेरी यात्रा पुर्णतः आध्यात्मिक पैदल प्रदक्षिणा है। उनसे जब मुख्यमंत्री की नमामि देवी नर्मदे यात्रा से नर्मदा तटों व उसके किनारे में क्या परिवर्तन आया है, पूछा गया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मेरी 15 सौ किमी की यात्रा हो चुकी है। नर्मदा संरक्षण के लिए लगाए गए करोड़ों पौधों में से रास्ते में यात्रा के दौरान मात्र तीन पौधे ही जीवित दिखाई दिए हैं। इसमें एक पीपल का पौधा था। अन्य प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने टिप्पणी देने से इंकार कर दिया।