भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने पुस्तक भवन अरेरा हिल्स के सामने कैंडिल जलाकर जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत विकास खण्ड समन्वयक के पद पर कार्यरत जया रणनवरे की मौत पर श्रद्वांजलि देकर पुस्तक भवन अेररा हिल्स से पर्यावास भवन तक कैंडल मार्च निकाला जबलपुर जिला पंचायत सीईओ (HARSHIKA SINGH IAS) को बर्खास्त करने की मांग मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव से की है। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मांग की है कि म.प्र. शासन सभी विभागों को यह आदेश जारी करे कि बिना विभागीय जांच के किसी भी संविदा कर्मचारी अधिकारी को नहीं हटाया जाए। जिससे वर्षो से पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को बिना उचित कारण के हटाने पर और उनको बेवजह प्रताडि़त करने पर रोक लग सकेगी।
गौरतलब है कि जबलपुर के सिहोरा विकासखण्ड में स्वच्छ भारत मिशन में विकास खण्ड समन्वयक के पद कार्यरत जया रणनवरे को बिना उचित कारण के जिला पंचायत सीईओं हर्षिका सिंह के द्वारा बिना किसी विभागीय सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुऐ संविदा समाप्त कर दी थी । उसके बाद जया रणनवरे को जबलपुर उच्च न्यायालय ने सेवा से हटाने के विरूद्व स्टे प्रदान कर दिया था। उसके बाद भी जिला पंचायत सीईओ के द्वारा जया रणनवरे को सेवा में ज्वाईन नहीं कराया था। जिसके कारण जया नरवरे तनाव में आ गईं थी और वो कोमा में चली गईं थी जिसके बाद बीते शनिवार उनका देहांत हो गया था ।
म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव को ज्ञापन सौंपकर जबलपुर जिला पंचायत सीईओ हर्षिका सिंह को भी उसी तरह बर्खास्त करने की मांग की है जिस तरह उन्होंने बिना विभागीय सुनवाई के स्वच्छ भारत मिशन की ब्लाक कोर्डिनेटर जया रणनवरे को हटाया था । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने जिले के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि बिना किसी विभागीय जांच और सुनवाई का अवसर देते हुऐ जिले के कलेक्टर और सीइओ भरी मिटिंग में संविदा कर्मचारियों को बेईज्जत करते हैं और कहते हैं कि ये तो संविदा पर हैं इनकी नौकरी दो मिनिट में खा लेंगें और मिटिंगों में ही सेवा समाप्ति का आदेश दे देते हैं।
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने संविदा कर्मचारियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार और अत्याचार बंद करने की मांग की है और कहा है कि आंतकवादी मोहम्मद कसाब को भी सुनवाई का अवसर दिया जाता है लेकिन संविदा कर्मचारियों को नहीं यह इस देश का दुर्भाग्य है। श्रद्वांजलि देने वालों में मेघ सिंह, अनूप पटेल, योगेश ढोके, मनोज सक्सेना, अशोक श्रीवास्तव, विजय गौतम, सोहन श्रीवास्तव , अजीत जैन, महेश शेडे, सेामु शाक्य, अमित कुल्हार, अहमद अली खान, अवध कुमार गर्ग, अवधेश दीक्षित, के.के. अहिरवार, प्रियंका जैन, संदीप साकल्ले, पंकज ओझा, संतोष साहु आदि लोग शामिल थे।