
थाटीपुर निवासी पूरन सिंह व तारागंज निवासी श्रीलाल ने सिटी सेंटर की जमीन पर अपना दावा पेश किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1984 में दोनों के पक्ष में डिक्री कर दी। इसकी जानकारी शासन को नहीं मिली और जमीन 1990 में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए आवंटित कर दी गई. 1992 में पुलिस अधीक्षक कार्यालय का निर्माण शुरू हो गया था। 13 बीघा जमीन पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित अन्य कार्यालय बना दिए गए।
पूरन सिंह के पक्ष ने जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोर्ट में इजरा पेश कर दिया। इसके बाद जिला प्रशासन को 2005 में पता चला कि एसपी ऑफिस जहां बना है, वह निजी हो चुकी है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को अपर सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई।
देर से अपील दायर करने का कोई वाजिब कारण शासन नहीं बता पाया। कोर्ट ने अपील को निरस्त कर दिया। अपील निरस्त होने के बाद पुलिस महकमे की चिंता बढ़ गई है, यही वजह है कि अब पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस मामले में कानूनी राय लेकर अगली कार्यवाही की जाएगी है।