
बताया गया है कि आधार बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन के कारण इस परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों की पहचान लॉक हो जाएगी। रिकॉर्ड मिसमैच होने वालों का भी रिकॉर्ड रखा जा रहा है। आगे की परीक्षाओं में एक क्लिक पर हर परीक्षार्थी का रिकॉर्ड स्क्रीन पर होगा कि पहले और अब बताई जाने वाली पहचान एक ही है या नहीं।
प्रदेभर के 16 शहरों में 9 से 29 दिसंबर तक आयोजित की जाने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा में पीईबी ने पहली बार आधार कार्ड का बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन अनिवार्य किया है। फर्जीवाड़े को पूरी तरह खत्म करने के नाम पर यह प्रक्रिया अपनाई गई है और बिना आधार वेरीफिकेशन के एंट्री ही नहीं दी जा रही है। इसके पीछे पीईबी का मकसद छात्रों का ऑनलाइन डाटा भी अपने पास सुरक्षित रखना है जिससे आगे की परीक्षाओं में चुटकियों में पड़ताल की जा सके।
ऐसे डाटा हो रहा तैयार
परीक्षा में आने वाले परीक्षार्थी का ऑनलाइन आधार वेरीफिकेशन किया जाता है। इसमें पूरा डाटा सर्वर पर अपलोड किया जा रहा है। आधार मैच होने वाले आवेदक की आधार कार्ड में उपलब्ध जानकारी मिल जाती है और जिसका मैच नहीं होता उसके एडमिट कार्ड के माध्यम से डाटा अपलोड किया जा रहा है। 10 लाख से ज्यादा आवेदकों का डाटा इस परीक्षा में पीईबी-टीसीएस के पास उपलब्ध हो जाएगा।
आधार डाटा में लॉक तो आगे फर्जीवाड़ा नहीं
पटवारी परीक्षा के आवेदकों का आधार कार्ड जनरेटेड डाटा उपलब्ध रहेगा। अब आगे यह परीक्षार्थी किसी परीक्षा में शामिल होते हैं तो क्रॉस वेरीफिकेशन के लिए जरा से समय की जरुरत होगी। संदिग्ध या फर्जी परीक्षार्थी के सामने आने पर अगर वह इस पटवारी परीक्षा में शामिल हुआ होगा तो यह भी तत्काल चेक कर लिया जाएगा कि इसकी आधार कार्ड में क्या पहचान थी। दूसरा इस पटवारी परीक्षा में जो आवेदक एंट्री नहीं ले पाए, उनका डाटा भी सुरक्षित रहेगा तो दो तरफा क्रॉस चेकिंग में सहूलियत होगी।
अब तक यह भी परेशानी
अभी तक ऑफलाइन परीक्षाओं में परीक्षा होने के बाद डाटा पीईबी को दिया जाता था। इसके बाद पीईबी को इसे अपलोड करना होता था। वहीं पहले हुई परीक्षाओं में किसी भी सरकार दवारा मान्य पहचान पत्र से परीक्षार्थी परीक्षा में एंट्री ले लेता था तो उस पहचान पत्र को रिकॉर्ड में लेना पड़ता था। अब आधार ऑनलाइन वेरीफिकेशन से सब परेशानी दूर हो गई हैं।
हर परीक्षार्थी का डाटा ऑनलाइन रहेगा
पटवारी परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा आवेदक हैं और इनका डाटा ऑनलाइन रिकॉर्ड में रखा जाएगा। आधार बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन के कारण आगे की परीक्षाओं में बड़ी आसानी से डाटा क्रॉस चेक किया जा सकेगा। इससे आगे फर्जीवाड़ा की गुंजाइश खत्म होगी।
आलोक वर्मा, कंट्रोलर,पीईबी