नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल को अपना सीएम कैंडिडेट बनाया था। पार्टी ने तो शानदार जीत हासिल की लेकिन खुद धूमल चुनाव हार गए। उन्हें हराने वाला कोई और नहीं उनका ही चेला है। 23 अक्टूबर की एक ऐसी तस्वीर है, जब पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे थे, तबी उनके विरोधी और शिष्य राजेंद्र राणा ने भी अपना पर्चा दाखिल किया। गुरु और चेला आमने-सामने आए तो राणा ने सम्मान में राजनीति के अपने गॉडफादर धूमल के पांव छूकर आशीर्वाद लिया था। नामांकन के बाद दोनों ने शक्ति प्रदर्शन किया और जनसभाएं भी की, लेकिन एक दूसरे पर निजी आरोप नहीं लगाए। हालांकि, बिना नाम लिए भाजपा की जनसभा में राणा पर पैसे के बूते राजनीति का आरोप लगाया गया था। वहीं, कांग्रेस ने कहा था कि सुजानपुर का विकास राणा ने ही करवाया है। वे ही यहां के मसीहा हैं।
चंडीगढ़ से है राणा का गहरा नाता..
हिमाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले कांग्रेस के राजेंद्र राणा का चंडीगढ़ से गहरा नाता है। राजेंद्र राणा की सेक्टर-33 में अपनी कोठी है। राणा ने चंडीगढ़ में रहकर बिजनेस भी किया है। चंडीगढ़ के सेक्टर-18 में उनका एक जिम भी है।
35 हजार की स्कूटर से लेकर 19 लाख की गाड़ी है राणा के पास...
धूमल को शिकस्त देने वाले 51 साल के राजेंद्र राणा की 26 करोड 48 लाख रुपए की संपति है। राजेंद्र की चंडीगढ़ में में एक कोठी और जिम भी है। इनके पास 3 गाड़ियां हैं, जिनमें 2 राणा के पास, जबकि एक उनकी पत्नी अनीता राणा के नाम पर है। इन गाड़ियों की कीमत 35 हजार से लेकर 19 लाख तक है। सबसे दिलचस्प बात है कि इन सब गाड़ियों के नंबर चंडीगढ़ के हैं। दोनों पति-पत्नी के पास 14 लाख की ज्वेलरी भी है।
धूमल के ही करीब रहे हैं राजेंद्र राणा
बीजेपी के सीएम कैंडिडेट धूमल का हराने वाले राजेंद्र राणा उनके बहुत करीबी थे। साल 2008 में भाजपा जब सत्ता में आई थी तो, प्रेम कुमार धूमल ने ही राजेंद्र राणा को हिमाचल प्रदेश मीडिया बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाया था लेकिन विवाद के चलते कुछ समय के बाद ही राजेंद्र राणा को यह पद पार्टी छोड़नी पड़ी थी। साल 2012 में उन्होंने सुजानपुर विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह भारी मतों से जीते थे।