नई दिल्ली। सशस्त्र झंडा दिवस Armed Forces Flag Day के अवसर पर शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए सहायता राशि जुटाई जाती है। उम्मीद की जा रही है कि हर भारतीय नागरिक इसमें अपना न्यूनतम योगदान देगा परंतु पिछले कुछ सालों में झंडा दिवस को महज एक सरकारी औपचारिकता बनाकर रख दिया गया है। ना तो सरकारें इसमें रुचि दिखातीं हैं और ना ही समाजसेवी संस्थाएं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। पिछले 24 घंटे की आॅनलाइन रिपोर्ट के अनुसार केवल गुजरात, हिमाचल और उत्तराखंड में इसे लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है। शेष सभी राज्यों में ना तो कोई बड़ा आयोजन हो रहा है और ना ही नागरिकों में उत्साह।
हम यहां आॅनलाइन इंट्रस्ट रिपोर्ट की बात कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में केवल उपरोक्त तीन राज्यों में ही नागरिकों ने इंटरनेट पर झंडा दिवस को लेकर रुचि दिखाई है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में भी थोड़ी बहुत सक्रियता दिखाई दे रही है। शेष सभी राज्यों में झंडा दिवस को लेकर नागरिकों में कोई खास रुचि नजर नहीं आ रही।
सबसे बुरी स्थिति केरला, असम, आंध्रप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और मध्यप्रदेश की है। उत्तरप्रदेश और राजस्थान की स्थिति अच्छी नहीं है परंतु शर्मनाक भी नहीं है। यहां के नागरिक भी इंटरनेट पर थोड़ी बहुत रुचि दिखा रहे हैं। बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस दिन की शुरूआत की गई थी। इस अवसर पर जितनी भी राशि जमा होती है, उसे शहीद सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए खर्च किया जाता है।