नई दिल्ली। मप्र में भारी विवाद के बाद शिवराज सरकार तो बैकफुट पर आ गर्इ परंतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य वन सेवा भर्ती (STATE FOREST SERVICE RECRUITMENT) में महिला रेंजर और सब डिवीजनल ऑफिसर के लिए महिलाओं के लिए छाती 79 सेंटी मीटर फुलाना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि मप्र में इसे लेकर काफी विवाद हुआ था और उसके बाद यह नियम शिथिल कर दिया गया। CG PSC ने इस नियम को लागू करते समय यह दलील दी थी कि जब संविधान के सामने पुरुष और महिलाएं समान हैं तो फिजिकल टेस्ट भी सामान्य होने चाहिए। अब जब स्टेट PSC ने भर्ती निकाली तो राज्य की महिलाएं माथा पीट रही हैं। हालांकि इस नियम को लेकर राज्य महिला आयोग ने PSC को कड़ी फटकार लगाई है और सात दिन के भीतर इस नियम को लेकर जवाब मांगा है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने इसे अनावश्यक नियम बताते हुए कहा है कि बगैर किसी ठोस कारण के यह नियम महिलाओ पर लाद दिया गया है। उधर छत्तीसगढ़ महिला शक्ति मंडल की संरक्षक शिल्पा शर्मा ने इस नियम को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उनके मुताबिक शारीरिक मापदंड को लेकर पुरुष और महिला के बीच प्राकृतिक रूप से भेद है। इसे कानून का संरक्षण प्राप्त है। बावजूद इसके फिजिकल टेस्ट में पुरुष और महिलाओं के लिए समान मापदंड निर्धारित कर दिए गए हैं जो कि तत्काल निरस्त होने चाहिए।
छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन के इस विज्ञापन ने महिलाओ के बीच खलबली मचा दी है. PSC और UPSC की तैयारियां कर रही लड़कियां इस विज्ञापन को देखकर हैरत में पड़ गई हैं. PSC ने अपनी वेबसाइट में भी इस नियम के प्रभावशील होने की जानकारी महिला प्रतियोगियों को दे दी है. इस विज्ञापन में साफ कर दिया गया है कि अब उन्हें भी लड़कों की तरह सीना फुलाना होगा. महिलाओं का सीना न्यूनतम 79 सेंटीमीटर होना चाहिए. यही नहीं इस माप के उपरांत उन्हें पांच सेंटी मीटर तक सीना फूलना होगा. अन्यथा वे वन विभाग में रेंजर और एस.डी.ओ. के पद के लिए योग्य नहीं ठहराई जाएंगी. इस नियम को लेकर कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रही लड़कियां बजाए पढाई-लिखाई के इस बात को लेकर माथापच्ची कर रही हैं कि पांच सेंटीमीटर तक सीना कैसे फुलाया जाए और उसकी माप का पैमाना क्या होगा. PSC के इस क्वालिफिकेशन को लेकर ये लड़कियां परेशान हैं. हालांकि उनके समर्थन में महिलाओ के कई गुट और महिला सामाजिक संगठन समर्थन में आ गई हैं. वो इस नियम को लेकर PSC को आड़े हाथों ले रही हैं.
शैक्षणिक योग्यता के अलावा पांच सेंटीमीटर तक सीना फुलाने का नियम ना तो पैरमिलट्री फोर्सेस में है और ना ही दूसरी और किसी सर्विस में. राज्य में होने वाली पुलिस भर्ती की रैली हो या फिर जेल या होमगार्ड में महिलाओ की भर्ती प्रतियोगिता, किसी भी भर्ती अभियान में महिलाओं के लिए होने वाले फिजिकल टेस्ट में दौड़, लंबी-कूद, ऊंची-कूद, गोला फेंक और आंखों की विजिबिल्टी के मापदंड निर्धारित हैं लेकिन महिलाओं के सीने का माप कभी नहीं लिया जाता. यह पहला मौका है जब स्टेट PSC ने पुरुष और महिलाओं को एक तराजू में तौलकर योग्यता का मापदंड निर्धारित किया है.
राज्य महिला आयोग ने लड़कियों का सीना पांच सिमी तक फुलाने के नियम पर एतराज जताया है. आयोग ने PSC को नोटिस जारी कर इस बाबत तलब भी किया है. इसके अलावा वन विभाग के प्रमुख सचिव को भी लिखित में जवाब देने के लिए कहा है कि यह नियम कितना वाजिब है. उधर छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन ने अपनी अधिकृत वेबसाईट में नियमों का हवाला देकर इस बारे में किसी भी सलाह और मांगो को स्वीकारने से इंकार कर दिया है. इस नियम को रद्द कराने के लिए तमाम महिला संगठन एकजुट होने लगे हैं. महिला संगठनों ने PSC को चेतावनी दी है कि यदि उसने इस नियम को हटाकर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला नहीं लिया तो वे राज्य भर में उसके खिलाफ आंदोलन करेंगी.