नई दिल्ली। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत के प्रति दिया गया बयान सुर्खियों में आ गया है। झारखंड, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश में इस बयान को सबसे ज्यादा पढ़ा गया जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ एवं बिहार में भी इस मामले को लेकर इंटरनेट पर लोगों ने रुचि दिखाई। पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं दक्षिण भारत की मीडिया ने इस मामले को कोई खास महत्व नहीं दिया। इन राज्यों के लोगों ने भी इस विवाद को लेकर कतई रुचि नहीं दिखाई। मजेदार बात यह है कि औवेसी ने यह बयान हैदराबाद में दिया परंतु आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में लोगों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में ओवैसी ने पूछा कि आखिर किस अधिकार से मोहन भागवत यह कह रहे हैं कि मंदिर अयोध्या में ही बनेगा? वो हैं कौन ऐसा कहने वाले ? क्या वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं ? ओवैसी ने दावा किया है कि संघ और भाजपा राम मंदिर पर 'निंदनीय' बयान देकर गुजरात चुनाव में इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस आग से खेल रहा है और सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा।
गौरतलब है कि बीते दिनो कर्नाटक के उड़पि में आयोजित धर्मसंसद के दौरान मोहन भागवत ने कहा था कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा। भागवत ने यह भी कहा था कि राम मंदिर के ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा। उन्होंने दावा किया था कि राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर से अयोध्या मामले पर आखिरी सुनवाई होने जा रही है।
मोहन भागवत की तरफ से आए इस बयान के बाद अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। अब ओवैसी ने भी इस बयान को लेकर आरएसएस प्रमुख पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो फिर किस आधार पर मोहन भागवत इस बात का दावा कर रहे हैं कि अयोध्या में सिर्फ राममंदिर ही बनेगा।