इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 41610 सिपाही भर्ती (UP POLICE CONSTABLE RECRUITMENT) मामले में अभी तक 1553 पद पर सामान्य अभ्यार्थियों को नियुक्ति न दिये जाने पर योगी आदित्यनाथ सरकार (YOGI ADITYANATH GOVERNMENT) को नोटिस जारी किया है। नोटिस पर राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड (UP POLICE RECRUITMENT BOARD) को जवाब देना होगा। इस मामले में अब बड़ा बदलाव होना तय है क्योंकि भर्ती बोर्ड ने क्षैतिज आरक्षण का गलत तरीके से इस्तेमाल किया था और कोर्ट द्वारा आरक्षित कोटे (RESERVED COTA) की महिलाओं की नियुक्ति रद्द करने के बाद भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई थी।
हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर अवमानना याचिका दाखिल हुई है और अभ्यर्थियों ने बताया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बोर्ड और सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया है। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड को नोटिस जारी की है और संशोधित परिणाम जारी करने की प्रक्रिया को भी पूछा है। कोर्ट ने पूछा है कि अभी तक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई?
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में 2013 में 41610 सिपाही भर्ती शुरू हुई थी। जिसमे सामान्य वर्ग में क्षैतिज आरक्षण के तहत कुल 3550 सामान्य वर्ग की महिलाओं का चयन होना था, लेकिन चयन के लिए सिर्फ 1997 महिलाएं ही मिल सकी। 1997 सामान्य वर्ग की महिलाओं की को नियुक्ति भी दे दी गई, लेकिन बाकी बचे 1553 पदों पर ओबीसी और एससी वर्ग की महिलाओं को नियुक्ति दी गई। इसी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था और दलील दी गई थी कि नियमानुसार जिस वर्ग की महिला अभ्यर्थी होंगी उसको उसी वर्ग में छैतिज आरक्षण मिलेगा। ऐसे में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग के क्षैतिज आरक्षण में नियुक्ति देना गलत है।
कोर्ट ने रद्द की थी नियुक्तियां
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान 5 नवंबर 2017 को सामान्य वर्ग के क्षैतिज आरक्षण में आरक्षित कोटे की महिलाओं की नियुक्ति रद्द कर दी थी और सामान्य वर्ग की रिक्त हुई सीटों को सामान्य अभ्यर्थियों से भरने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आरक्षित कोटे की महिलाओं को उनके ही वर्ग में नियुक्ति देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ कर दिया था कि सामान्य वर्ग में क्षैतिज आरक्षण लागू होने के बाद अगर सीटे खाली रहती हैं तो उन सभी सीटों को सामान्य अभ्यर्थियों से भरा जाये।
योगी सरकार से जवाब तलब
हालांकि इस मामले में यूपी गवर्नमेंट ने अभी तक कोई संशोधित परिणाम जारी नहीं किया। जिसके चलते यह मामला अभी तक अधर में लटका हुआ है। इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार को नोटिस जारी की है। फिलहाल अब हाईकोर्ट में शीतावकाश शुरू हो चुका है, ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी महीने में ही हो सकेगी।