नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राहुल गांधी ने नाराज चल रहे हैं। नाराजगी इस हद तक है कि RAHUL GANDHI की ताजपोशी (AICC PRESIDENT NOMINATION) के समय CM VIRBHADRA SINGH मौजूद नहीं थे। वो केरल में अपनी पत्नी के साथी छुट्टियां मना रहे हैं। जबकि हिमाचल कांग्रेस में उनके विरोधी गुट के लगभग सभी नेता राहुल गांधी के साथ मौजूद थे। माना जा रहा था कि वीरभद्र सिंह ही राहुल गांधी के प्रस्ताव होंगे। कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जब जब नए अध्यक्ष की ताजपोशी होती है कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आ जाती है। कई बार तो कांग्रेस टूटकर कई नई पार्टियां भी बनीं हैं।
दिलचस्प घटनाक्रम के तहत आज राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव करने से पहले हिमाचल कांग्रेस से जुड़े सभी नेता पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के पार्टी कार्यालय स्थित ऑफिस में इकट्ठे हुए। इस अवसर पर पार्टी की प्रदेश सह प्रभारी रंजीत रंजन भी मौजूद रही लेकिन वीरभद्र सिंह कहीं नजर नहीं आये। सभी नेताओं ने पहले राहुल गांधी ने भी सबसे मुलाकात की।
उसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में राहुल के नाम का प्रस्ताव, चुनाव अधिकारी को प्रस्तुत किया गया। हिमाचल से पार्टी अध्यक्ष सुक्खू के अलावा वरिष्ठ पार्टी नेता विद्या स्टोक्स,ठाकुर सिंह भरमौरी,जीएस बाली,मुकेश अग्निहोत्री,सुधीर शर्मा,चैधरी चंद्र कुमार,रामलाल ठाकुर,कुलदीप कुमार,हर्षवर्धन चैहान,विप्लव ठाकुर,राकेश कालिया,धनीराम शांडिल्य,रोहित ठाकुर सहित केवल सिंह पठानिया मौजूद रहे।
अब सवाल उठ रहा है कि सूबे में कांग्रेस की सरकार होते हुये भी आखिर सरकार के मुखिया वीरभद्र सिंह क्यों राहुल गांधी के प्रस्तावक नहीं बने। इस मामले में हिमाचल कांग्रेस के पास भी कोई ठोस जवाब नहीं है। लेकिन जानकार मानते हैं कि वीरभद्र सिंह के साथ राहुल गांधी के रिशते में गर्मजोशी नहीं रही है जिसके चलते ही वीरभद्र सिंह ने आज के कार्यक्रम से किनारा किया। दरअसल चुनाव से पहले वीरभद्र सिंह पार्टी अध्यक्ष सुक्खु को हटाने की मांग पर अड़े रहे। लेकिन राहुल गांधी ने उनकी इस मांग को अनसुना कर दिया था।