भोपाल। भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का असर हुआ है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मिथक तोड़ने के लिए अशोकनगर जाएंगे। बता दें कि एक अंधविश्वास है कि जो भी सीएम अशोकनगर जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। ऐसा ही सीहोर जिले की इछावर विधानसभा के बारे में भी कहा जाता है। पिछले 12 सालों में शिवराज एक भी बार अशोकनगर या इछावर नहीं गए। भोपाल समाचार ने उनके सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती पेश की थी (यहां पढ़ें: अंधविश्वास पर मोदी का बयान शिवराज सिंह के लिए चुनौती)। सीएम ने ऐलान किया है कि वो अशोकनगर जाएंगे।
बता दें, नोएडा में ड्राइवरलैस दिल्ली मेट्रो के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेकर योगी आदित्यनाथ ने उस मिथक को तोड़ दिया था जिसमें यह कहा जाता था कि जो भी सीएम नोएडा जाता है, उसे कुर्सी से हाथ धोना पड़ता है। योगी के इस साहसिक कदम की पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रशंसा करते हुए कहा था कि जो व्यक्ति अंधविश्वास में यकीन करता है उसे सीएम रहने का हक नहीं है।
भोपाल समाचार ने पीएम मोदी के इसी बयान को आधार बनाते हुए खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि सीएम शिवराज सिंह पिछले 12 सालों में आज तक कभी अशोकनगर या इछावर नहीं गए हैं। साथ ही उन्होंने आज तक उज्जैन में रात्रिविश्राम नहीं किया है। भोपाल समाचार ने ट्वीटर पर सीएम शिवराज सिंह एवं पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए चुनौती पेश की थी कि क्या मोदी के बयान के बाद वो मिथक तोड़ने की हिम्मत दिखाएंगे। भोपाल समाचार का यह सवाल बाद में नेशनल मीडिया तक सुर्खियों में आया।
मंगलवार को अशोक नगर जिले के पिपराई कस्बे की यात्रा के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने भोपाल समाचार के सवाल का जवाब देते हुए घोषणा की कि वह अंधविश्वासी नहीं हैं और जल्द ही यात्रा कर अशोक नगर से जुड़े मिथक को तोड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं किसी गलतफहमी में विश्वास नहीं करता हूं और मैं अंधविश्वासी नहीं हूं। मैं इस मिथक को जल्द ही तोडूंगा और निश्चित रूप से अशोक नगर की यात्रा करूंगा।'
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारका प्रसाद मिश्रा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, बाबूलाल गौर यहां तक कि बिहार के सीएम लालू यादव भी इस मिथक के कथित रूप से शिकार बने। इस तरह की मान्यता के कारण देश भर के मुख्यमंत्रियों ने अशोक नगर जिला मुख्यालय की यात्रा करने से परहेज किया। यहां तक कि पिछले 12 साल के कार्यकाल के दौरान शिवराज सिंह चौहान भी अशोक नगर जिला मुख्यालय नहीं गए थे।