![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRR3gyljjlESdsWol9jxgUbew1PV6ZggM3q0gNVx_-8a_84_PmnQvf0VNsSRuvYa7Z5SIbcIL_3uWAB6J0O8rN7lju75-GMDwt8e_4yqQeWo-kJ4UKqOFvq9QG4TZXqz0D-YZMr7LGNFs/s1600/55.png)
पहले आशीर्वाद में विधायकी गई
इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षित सीट मानते हुए प्रेम कुमार धूमल ने जिला हमीरपुर की सुजानपुर विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया था। उनके खिलाफ कांग्रेस से जो प्रत्याशी उतारा गया वो उनका अपना शिष्य राजिन्दर सिंह राणा था। पर्चा दाखली के दिन दोनों की मुलाकात हुई तो राजिन्दर ने सबसे सामने धूमल के पैर छुए और आीशर्वाद मांगा। धूमल ने भी आशीर्वाद दिया। इसी का प्रताप था कि राजिन्दर जीत गए और धूमल हार गए।
दूसरे में सीएम की कुर्सी जा रही है
हिमाचल में भाजपा चुनाव जीत चुकी है। धूमल समर्थक विधायकों की संख्या भी काफी है। धूमल घोषित सीएम कैंडिडेट थे। अब जबकि भाजपा बहुमत में है तो सीएम कैंडिडेट का अधिकार बनता है कि वो मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करे परंतु धूमल को किनारे करने की कोशिश की जा रही है। तर्क दिया जा रहा है कि धूमल तो विधानसभा चुनाव हार गए। इस बीच जयराम ठाकुर ने सीएम पद के लिए दावेदारी ठोक दी और धूमल से आशीर्वाद मांगने उनके निवास पर पहुंच गए। काफी हद तक उम्मीद है कि धूमल का आशीर्वाद फिर से चमत्कार दिखाएगा और जयराम ठाकुर सीएम बन जाएंगे। एक आशीर्वाद में विधायक का पद चला गया, दूसरे में सीएम की कुर्सी।