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उन्होंने कहा कि- "इस्लाम में एक जनवरी पर नए साल की मुबारकबाद देना या फिर जश्न मनाना जायज नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम में जन्मदिन मनाना या केक काटना भी नाजायज बताया गया है। इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों को इस तरह की परंपराओं से दूर रहना चाहिए।
मुफ्ती तारिक ने कहा कि इस्लाम धर्म में नया वर्ष मोहर्रम माहिने से आरंभ होता है। वहीं, कुछ हिंदू संगठनों ने कहा- "हिन्दू शास्त्रों में नए साल की शुरुआत चैत्र के नवरात्र के पहले दिन होती है। उसी दिन से नया नव विक्रम संवत शुरू होता है। नया साल उस दिन मनाना चाहिए। दोनों समुदाय के धर्मगुरुओं ने कहा- " 1 जनवरी को नया साल अंग्रेज मनाते हैं, हमें इससे परहेज करना चाहिए।