
उन्होंने लिखा अगर दो शरीर जुड़ना चाहते हैं तो उनके मन को भी साथ में जुड़ जाना चाहिए।' लेख आलप्पुझा बिशप की मासिक पत्रिका मुखरेखा में छपा है। मैगजीन के एडिटर फादर जेवियर कुड्यामेश्रे बताते हैं, 'यह पहली बार है जब हमने कामशास्त्र से जुड़ा कोई लेख छापा है। यह लेख स्वस्थ जीवन से जुड़ा है और इसे लिखने वाले डॉक्टर पहले भी मैगजीन के लिए लिखते रहे हैं।'
डॉ थॉमस का लेख आदर्श महिला का वर्णन करता है और वाग्भाता के शास्त्रीय आयुर्वेद लेख आष्टांग हृदयम के आधार पर कहता है, 'स्तन के आकार के आधार पर महिलाओं का चार तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है- पद्मिनी, चित्रिणी, संघिनी और हस्तिनी। '
पुरुष केंद्रित कहकर कई नारीवादी इसका विरोध कर सकते थे लेकिन यह लेख जानकारियां देता और ज्ञानवर्धक प्रतीत होता है। इसके पाठक भी कहते हैं कि यह ज्ञानवर्धक है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सेक्स जीवन का अभिन्न हिस्सा है और अच्छे जीवन की ओर प्रेरित करता है।