इंदौर। मंगलवार को श्रीनगर में देवास के घिचलाय के रहने वाले जवान नीलेश धाकड़ की मौत के बाद सशस्त्र सेना झंडा दिवस (ARMED FORCES FLAG DAY) के दिन गुरुवार शाम राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। गुरुवार सुबह सेना के अधिकारी और जवान जैसे ही महू से पार्थिव देह लेकर रवाना हुए सैनिक के सम्मान के लिए पूरे रास्ते लोग खड़े दिखे। जैसे-जैसे शव वाहन आगे बढ़ा लोग साथ चल दिए। इस दौरान रास्तेभर में फूल बिछाए गए थे और जगह-जगह रंगोली बनाई गई थी। शाम को राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार खेत पर किया गया।
सेना के अधिकारी और जवान गुरुवार सुबह 8 बजे महू से नीलेश का पार्थिव शरीर लेकर रवाना हुए। सैनिक के सम्मान में महू से लेकर गांव तक लोग जुलूस के रूप में खड़े रहे। जहां से भी पार्थिव शरीर गुजरा। लोगों ने अंतिम दर्शन किए और भारत माता की जय लगाकर उसे विदा किया। कहीं सम्मान में पोस्टर लगाए गए तो कहीं रंगोली बनाई गई। देवास में अंतिम दर्शन को सैकड़ा लोग उमड़ पड़े। इस दौरान रास्तेभर महिलाएं, बच्चे, बड़े और बूढ़े सब अंतिम दर्शन को पहुंचे।
अंतिम दर्शन के लिए बेकाबू हुई भीड़
बेटे का शव तिरंगे में लिपटा गांव पहुंचा तो परिवार के साथ ही यहां हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों की आंखें नम हो गई। बेटे का शव देख गांव पहुंचे 10 हजार से ज्यादा लोग बेकाबू हो गए। सेना के अधिकारियों ने सभी को समझाते हुए शव को वाहन से नीचे उतरवाया। गांव वाले बस यही करते रहे कि अभी तो बेटा गांव आया था। चार महीने बाद दूल्हा बनने वाला था। ये क्या हो गया। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अपने साथी को सम्मानपूर्वक विदा किया।