
संदीप कुशवाहा ने बताया कि एक साल पहले उसकी दुकान में आने वाले सर ने उसे 10वीं की नेशनल ओपन स्कूल की मार्कशीट दिलाने की बात कही थी। संदीप के अनुसार कई मुलाकातों के बाद उसने सर को साढ़े 7 हजार रुपए मार्कशीट के लिए दिए थे। कुछ दिन बाद सर ने उसे लिफाफे में मार्कशीट दी लेकिन जब उसने चेक किया तो ओपन स्कूल की जगह मार्कशीट में हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद लिखा हुआ था।
संदीप ने सर से इस बारे में पूछा तो उन्होंने ये कहते हुए डरा दिया कि यदि उनके खिलाफ शिकायत करोगे तो तुम्हें भी धोखाधड़ी में फंसा दिया जाएगा। जिसके कारण वह शांत रहा लेकिन कुछ दिन पहले कई और युवकों ने उसे सर द्वारा पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट देने की जानकारी दी। जिसके बाद उसने अधारताल थाने में शिकायत की थी। पुलिस का कहना है कि संदीप की शिकायत पर जांच की जा रही है। संदीप और उसके साथ थाने पहुंचे युवकों ने संदेह जताया है कि शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो लंबे समय से फर्जी मार्कशीट बेचने का अवैध धंधा कर रहा है।