नई दिल्ली। हरियाणा राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी 3 दिन से हड़ताल पर हैं। उनकी हड़ताल आज इसलिए सुर्ख हो गई क्योंकि गुरुवार देर शाम एनएचएम के मिशन डायरेक्टर ने पत्र जारी कर कहा कि कॉन्ट्रेक्ट पर लगे कर्मचारी 24 घंटे में काम पर नहीं लौटे तो हटा दिए जाएंगे। इसके बाद भी कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल खत्म नहीं की और वे वापिस काम पर नहीं लौटे। कुछ जगह कर्मचारियों को हटाए जाने के लेटर भी जारी हुए लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें जला दिया। पिछले साल सीएम मनोहरलाल ने वादा किया था कि कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। हड़ताली कर्मचारी इसी वादे की पूर्ति चाहते हैं।
हरियाणा में भाजपा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने कर्मचारियों को स्थायी (नियमित) करने से साफ इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि ये कर्मचारी केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के तहत लगे हैं। इसलिए नियमितिकरण की मांग भी इन्हें केंद्र सरकार के समक्ष उठानी चाहिए। अगर केंद्र सरकार इन्हें स्थायी करती है तो उसी पॉलिसी को हरियाणा सरकार भी लागू कर देगी। विज ने गुरुवार को चंडीगढ़ में कहा कि एनएचएम कर्मियों के सर्विस रूल्स तैयार कराए जा चुके हैं। ये मंजूरी के लिए सीएम मनोहर लाल को भेजे गए हैं।
दो बार हो चुकी है मानदेय में बढ़ोत्तरी
इनके अलावा इनके मानदेय में दो बार में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। इनमें एक बार 7 प्रतिशत और दूसरी बार 3 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इनके अलावा अगर राज्य सरकार से संबंधित अन्य कोई मांगें हैं तो वह उन पर बात करने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि एनएचएम कर्मी सीएम मनोहर लाल के एक आश्वासन को आधार बनाकर पिछले 3 दिन से हड़ताल कर रहे हैं। इससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। इनका आरोप है कि सीएम ने पिछले साल हड़ताल टालने के लिए हुई बातचीत के दौरान नियमितिकरण समेत तमाम मांगें पूरी करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इधर, कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार की तरफ से आश्वासन या पत्र नहीं मिला है, हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है।