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प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अप्रैजल लेने की तैयारी विभाग कर रहा है जिसका हम विरोध करते हैं और इस बार के एच.आर. मेन्यूल में हटाने का प्रावधान रखा गया जो कि पिछले वर्ष माननीय स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह जी के निर्देश में हुये समझौते का खुला उल्लंघन है तथा अप्रैजल के नाम पर करोड़ों रूपये की वसूली अप्रैजल टीमों के द्वारा की जाती है तरह-तरह का दबाव बनाया जाता है जिसका हम विरोध करते हैं। डेढ़ हजार संविदा कर्मचारियों को अप्रैजल के नाम पर तथा पद समाप्ति के नाम पर हटा दिया गया जिनकी अभी तक वापसी नहीं हो पाई है। अनेक लोगों का वेतन कम कर दिया है गया है। डीडीसी सपोट स्टाफ को रोगी कल्याण समिति को सेवाएं सौंप दी गई है। इन समस्याओं का निराकरण तत्काल किया जाए।
मिशन संचालक ने आश्वासन दिया कि अप्रैजल के नाम पर किसी सेवाएं समाप्त नहीं होगी जब तक कोई गंभीर अनियमिता नहीं होगी। और संविदा बढ़ाने के लिए अप्रैजल नहीं किसी अन्य तरीके पर विचार किया जायेगा। जिन संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है उनको नई भर्ती हम करने जा रहे हैं उनको उसमें प्राथमिकता दी जायेगी। डीडी सपोट स्टाफ का वेतन जो कम हो गया है उसे हम पुनः बढ़ाने के लिए निर्देश जारी करेगें।
मिशन संचालक आर विश्वनाथन ने कहा कि बातचीत करके ही समस्याओं का हल किया जा सकता है इसलिए हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है। संविदा स्वास्थ्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष मेघ सिंह बघेल, कार्यकारी अध्यक्ष अनूप पटेल, संयोजक राहुल जैन सांवला एवं मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि संगठन भी हड़ताल तभी करते हैं जब कर्मचारी प्रताडि़त होते हैं इसलिए आप संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याएं हल कर दीजिये हम हड़ताल नहीं करेंगें।