
सागर में परीक्षा देकर लौटे एक उम्मीदवार ने बताया कि सुबह 9 बजे पेपर शुरू हो गया था। कुछ उम्मीदवार अंदर पेपर दे रहे थे, कई बाहर खड़े हुए थे। 11 बजे जब वो पेपर देकर लौटे तो बाहर खड़े उम्मीदवारों ने उनसे सवाल पूछ लिए। दोनों तरह के उम्मीदवारों के बीच आसानी से संवाद हुआ। इस तरह परीक्षा की गापनीयता भंग हो गई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय भी हालात यह थे कि प्रश्न आसानी से पता चल रहे थे। परीक्षा शुरू होने से पहले ही कई उम्मीदवारों को टिप्स मिल चुके थे। एक हॉल में तो केवल 3 परीक्षार्थियों को ही बिठाया गया था। ऐसी हड़बड़ी में किसी भी धांधली से इंकार नहीं किया जा सकता। टीसीएस जैसी कंपनी का सर्वर ठप होना भी संदेह के दायरे में आता है। टीसीएस एक प्रतिष्ठित कंपनी है और उसका सर्वर इससे पहले कभी ठप नहीं हुआ। यह तकनीकी खामी थी या घोटाला। इसकी जांच होनी चाहिए।