ग्वालियर। ग्वालियर में चिटफंड कारोबार के कारण कार्रवाई की जद में आई परिवार डेयरी (PARIVAR DAIRIES AND ALLIED LTD) ने परिवार डेयरी अलाइंज फाउंडेशन (PDA FOUNDATION) के नाम से तमिलनाडु में अपना कारोबार फैलाया और 1 लाख लोगों से करीब 600 करोड़ रुपए कंपनी में निवेश कराए। निवेशकों को पैसा वापस नहीं मिला तो जिला सत्र न्यायालय स्थित कोर्ट कमिश्नर कार्यालय में पैसे का आवेदन लगाने पहुंचे गए, लेकिन उन्हें निराशा मिली। निवेशकों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी से लोक अभियोजक जगदीश शर्मा को अवगत कराया है। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने इस ठगी की सूचना 16 फरवरी 2016 को ही दे दी थी। यहां पढ़िए
वर्ष 2011 में परिवार डेयरी के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी। कंपनी के संचालकों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर संपत्तियों को कुर्क कर लिया था। इस वजह से प्रदेश में उसका कारोबार बंद हो गया। परिवार डेयरी के निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिए गए। इस दौरान कंपनी ने दक्षिण भारत में अपना कारोबार शुरू कर दिया।
परिवार डेयरी अलाइंज फाउंडेशन के नाम से कंपनी खोली और धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से निवेश कराया। पीडीएएफ की पॉलिसियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें पैसा वापस नहीं मिल रहा है। कंपनी के खिलाफ संघर्ष करने के लिए एक संघ का गठन भी किया गया है, वह संघ निवेशकों के हक की लड़ाई लड़ रहा है। सोमवार को पीड़ित लोग ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय पहुंचे और उन्होंने कोर्ट कमिश्नर से रकम वापसी के संबंध में जानकारी ली, लेकिन उन्हें जवाब मिला कि यहां से परिवार डेयरी का पैसा मिल रहा है, लेकिन पीडीएएफ के क्लेम नहीं लिए जा सकते।
एलआईसी के एजेंटों से कराया था काम
सेवानिवृत हेडमास्टर सी राजेन्द्र राजू ने बताया कि 1 लाख लोगों ने 600 करोड़ का निवेश किया है। एलआईसी के एजेंटों को काम पर लगाया था, उनके भरोसे पर लोगों ने कंपनी में निवेश कर दिया। जीवनभर की कमाई कंपनी के पास फंसी है।
डाकघर से निवृत एनए सुंदरम ने बताया कि कंपनी के एजेंटों ने ग्वालियर में हॉस्पिटल, शॉपिंग प्लाजा, प्रेस, जयपुर में होटल के कारोबार की जानकारी दी थी और बताया था कि कंपनी जो भी खरीदेगी, उसमें आपकी हिस्सेदारी होगी। उसी भरोसे में निवेश किया।
पी सतीश ने बताया कि मैं एमटेक कर चुका हूं, लेकिन कंपनी में मेरी मां ने काम किया था। उनकी मौत के बाद निवेशक मुझे परेशान कर रहे हैं। इसलिए पढ़ाई छोड़कर निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं।
श्रीधर अय्यर ने बताया कि करीब 20 पीड़ित लोग आत्महत्या कर चुके हैं। परिवार डेयरी के कारोबार की भी जानकारी दी थी और पीडीएएफ उसकी दूसरी कंपनी बताई थी। निवेशकों की लड़ाई लड़ने के लिए संघ बनाया है। उसके हम पदाधिकारी हैं।
खातों में पैसा खत्म, परिवार डेयरी के निवेशकों नहीं मिल रही रकम
परिवार डेयरी के निवेशकों के 40 हजार आवेदन कोर्ट कमिश्नर कार्यालय में पेडिंग हैं। प्रदेश सहित अन्य राज्यों के निवेशकों को यहां से पैसा मिल रहा है, लेकिन खातों में पैसा खत्म होने की वजह से निवेशकों को पैसा बंटना बंद हो गया है। परिवार डेयरी का कारोबार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व राजस्थान में फैला हुआ था।
इनका कहना है
परिवार डेयरी दूसरे नाम से तमिलनाडु में अपना कोरबार कर रही है। ये लोग पता करने आए थे कि उनका पैसा ग्वालियर से मिल सकता है या नहीं। कोर्ट कमिश्नर परिवार डेयरी का पैसा बांट रहे हैं, न कि पीडीएएफ का। कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई करा सकते हैं? उसकी कानूनी जानकारी दी है।
जगदीश शर्मा, लोक अभियोजक जिला कोर्ट