पूजा पाण्डेय। आज हम आपको जिस personality tip के बारे में बताने जा रहे हैं उसे ignore किया गया है, जबकि हमारी Personality का एक अहम हिस्सा है। और वो है 'आपकी आवाज़'। चौंक गए ना, जी हां आपकी Voice ही है जो किसी भी व्यक्ति के मन में आपका प्रभाव डालती है। अच्छी आवाज की जरूरत केवल उन्हे नहीं होती जो म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े होते हैं बल्कि हर उस व्यक्ति को होती है जो बात करता है। सवाल पूछता है और जवाब देता है। आप यह कहकर बात को टाल नहीं सकते कि क्या करें मेरी आवाज ही ऐसी है। थोड़ी सी प्रेक्टिस करके आप इसमें सुधार कर सकते हैं।
अपनी आवाज को प्रभावी कैसे बनाएं
मधुर आवाज का सुरूर चढ़ता रहता है लेकिन, आपकी आवाज में यह नशा बरकरार रहे इसके लिए जरूरी है कि इसे तकलीफों से बचाकर रखें।
1. आप अपनी आवाज chnage नहीं कर सकते लेकिन अपने बोलने का तरीका बदला जा सकता है। किसी भी बात को प्रभावी ढंग से बोलने के लिए अपनी बात को ध्यान से और आराम से बोलें जिससे आपकी बात सामने वाले व्यक्ति का ध्यान खींचा।
2. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी आवाज की टोन। इसके लिए आपको एक नया तरीका अपनाना होगा, कोशिश करिए कि आज से आप गले से ना बोलकर अपने पेट से आवाज़ निकालने की कोशिश करें। यह नया तरीका आपको और आपकी Personality को एक positive व्यक्तित्व देगा।
श्वास से जुड़ी समस्याओं से बचें:
सबसे पहले सांस की कोई भी तकलीफ या साइनस होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। सांस की लय पर ही तो थिरकती है अच्छी आवाज। अगर आपकी चाहत है कि आपकी आवाज का अंदाज सही रहे, तो अपनी सांसों की आवाजाही को भी सामान्य रखिए। वातानुकूलित वातावरण में रहने की कोशिश करें। ये अच्छी आवाज़ के लिए फायदेमंद होता है। ठंडे वातावरण से गरम वातावरण में कुछ समय रुक कर जाएं।
आवाज को सही रखने के लिए मुंह से श्वास ना लें, तेज पंखे के सीधे नीचे या सामने कभी ना सोएं। तेज ठंडी और गरम हवा से जरूर बचें। दोनों ही नाक और गले को प्रभावित करती हैं और आवाज सही तरह से नहीं निकलती।
खानपान का रखें ध्यान
आपकी आवाज सही रहे, इसके लिए जरूरी है कि आपका खानपान सही हो। अनियमित दिनचर्या और खान-पान की गलत आदतों से रिप्लक्स या अम्ल की समस्या हो सकती है। इससे गले में कुछ अटकना, खांसी, बार-बार गला साफ करना, जीभ पर जमाव, ब्रोंकाइटिस जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
अगर आप आवाज की दुनिया से जुड़ हुए है तो कोशिश करें की सादा भोजन ही करें। अधिक मिर्च-मसाले, तेलयुक्त खाना, अधिक चाय, कॉफी, शीतल पेय या शराब ना पिएं। साथ ही भोजन से पहले चॉकलेट, सूखे मेवे आदि ना लें। इसके अलावा पान, पान मसाला, गुटखा, तंबाकू जैसी चीजों से दूर रहें।
इन बातों का भी रखें पूरा ध्यान:
तेज सर्दी, एक्यूट एलर्जी, नाक-गले के संक्रमण के दौरान आवाज से जुड़ा कोई अभ्यास ना करें। कोशिश करें कि लगातार 45 मिनट से ज्यादा ना बोलें। ऊंचा बोलने, चीखने-चिल्लाने और तनावपूर्ण ढंग से आवाज निकालने से बचें।
धूल, मिट्टी से बचें। खासकर, नाक की एलर्जी से ग्रसित लोग धूल, धुएं, माइट्स, फफू़द आदि से बचने की कोशिश करें। बार-बार गला साफ करने की आदत ना डालें. समस्या होने पर उपयुक्त इलाज करवाएं।
भाषण या बातचीत के दौरान गला न सूखने दें। बीच-बीच में पानी के घूंट पिएं। हल्का, गुनगुना, शहदयुक्त पानी कार्यक्रम के दौरान निरंतर पीते रहें। तनाव से बचें क्योंकि शारीरिक और मानसिक दोनों ही तनाव आवाज पर दुष्प्रभाव डालते हैं। इसलिए पूरी नींद लें और आराम जरूर करें।
इन सब तरीकों को आजमाकर आप अपनी आवाज को सही रख सकते हैं। याद रखिए ईश्वर ने जो आपको आवाज का उपहार दिया है उसकी कद्र करना और उसे बचाए रखना ना सिर्फ आपके लिए फायदेमंद है, बल्कि ऐसा करना आपकी जिम्मेदारी भी है। आप यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि क्या करें, मेरी आवाज ही ऐसी है।