रायपुर। अपमान अक्सर विनाश का कारण होता है परंतु इसी अपमान की अग्नि से सफलता का उत्पादन भी होता है। निर्भर करता है कि आप अपमान का किस तरह से उपयोग करते हैं और उसकी जवाब देने के लिए क्या तैयारियां करते हैं। 26 वर्षीय अर्चना पांडेय का सारा बचपन और पढ़ाई का वक्त एक तनाव में गुजरा। यह तनाव किसी दुश्मन से नहीं बल्कि उन लोगों द्वारा दिया जा रहा था जिन्हे अर्चना का परिवार अपना समझता था। अर्चना के पिता के रिश्तेदार और मित्र अक्सर ताना मारा करते थे, कि बेटी की पढ़ाई पर इतना ध्यान क्यों दे रहे हो। ये कुछ नहीं कर पाएगी। एक दिन अपने ससुराल चली जाएगी। आज वही अर्चना पीएससी की टॉपर है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा गुरुवार रात सवा दस बजे राज्य सेवा परीक्षा 2016 का मेरिट लिस्ट जारी किया गया। जिसमें राजनांदगांव की 26 वर्षीय अर्चना पांडेय टॉप पर रहीं। वे 937.5 स्कोर लेकर सबसे अव्वल स्थान पर हैं। अर्चना ने बताया कि वे तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। केवल लड़की होने की वजह से समाज में कई बातें लोगों ने कही। जब ये कॉलेज में पढ़ती थीं तब भी लोग इनके पिता से कहते थे कि लड़कियों को यूं छूट देना ठीक नहीं है। जल्द से जल्द इनके हाथ पीले कर दो। लोग कहते थे इनकी पढ़ाई पर इतना खर्च क्यों कर रहे हो। केवल लड़कियां ही हैं। इनकी शादी भी तो करनी है।
जब इनके पिता कहते थे कि मैं बेटियों को पढ़ा-लिखाकर अफसर बनाउंगा। वे मेरा नाम रोशन करेंगी तो लोग हंसते थे। कहते थे कि ये लड़कियां हैं। आज नहीं तो कल अपने ससुराल चली जाएंगी। ये क्या पढ़ेंगी। इन सब बातों को नजर अंदाज करते हुए इनके पिता सुरेश पांडेय और मां ममता पांडेय ने हार नहीं मानी। अर्चना ने भी मां-पिता के सपने को साकार कर समाज के चंद लोगों को आइना दिखा दिया। तीसरी बार में अव्वल रहने वाली अर्चना वर्तमान में बालोद में एपीओ के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता राजनांदगांव में ही डिप्टी रेंजर हैं।