नई दिल्ली। देश के 4 बड़े धर्मगुरूओं में से एक द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) ने कहा कि भारत में पैदा होने वाला हर शख्स HINDU नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि इस बात का कोई तर्क ही नहीं कि भारत में पैदा हुआ हर शख्स हिंदू है, क्योंकि इससे समाज की बुनियादी ढांचा खत्म हो जाता है। बता दें कि त्रिपुरा में एक रैली के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत (MOHAN BHAGWAT) ने भारत में रहने वाले सभी लोगों को हिंदू बताया था। शंकराचार्य का ये बयान आरएसएस चीफ के बयान का जवाब माना जा रहा है।
सबकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं: शंकराचार्य
मोहन भागवत के हिंदू वाले बयान पर बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा “भारत में पैदा हुआ हर शख्स हिंदू है, इस थ्योरी के पीछे कोई तर्क नहीं है क्योंकि इस तरह की सोच से समाज की बुनियादी संरचना ही खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि “जैसे एक असली हिंदू की आस्था वेदों और शास्त्रों में होती है। वैसे ही मुस्लिमों की कुरान और हदीस में और क्रिश्चियन की बाइबिल में होती है।”
राजनैतिक दलों को नहीं है राम मंदिर बनाने का अधिकार
राम मंदिर पर उठे एक सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि राजनैतिक दलों को इसका अधिकार नहीं है कि वो अयोध्या में राम मंदिर बनाएं। ये अधिकार शंकराचार्य और धर्माचार्यों का है। उन्होंने कहा कि सरकार भी देश में मंदिर नहीं बना सकती, क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है।
बैलट पेपर से चुनाव की वकालत
ईवीएम पर जारी विवाद पर हिंदू धर्मगुरू ने कहा कि वो बैलट पेपर से चुनाव कराने का समर्थन करते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि अगर ज्यादातर पार्टियां ईवीएम के इस्तेमाल पर राजी नहीं हैं तो इलेक्शन कमीशन को भी इस पर अटकना नहीं चाहिए।
बंद होने चाहिए नदियों पर बने बांध
गंगा और यमुना में बढ़ते प्रदूषण पर शंकराचार्य ने कहा कि सरकार को इन दोनों नदियों पर बने बांधों को बंद कर देना चाहिए, ताकि उनका प्राकृतिक बहाव बना रहे।