विदिशा। महाराजा जीवाजीराव एजुकेशन सोसायटी की एक बैठक में सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, रिटायर्ड जस्टिस एनके मोदी, डाॅ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर और वीरेंद्र वापना को सोसायटी की सदस्यता से हटाने का निर्णय लिया गया। यह बैठक शुक्रवार 29 दिसम्बर 2017 को पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा की अध्यक्षता में विदिशा में आयोजित की गई। शर्मा ने बताया कि उनकी कमेटी को 13 दिसंबर 2018 तक के लिए मान्यता प्राप्त हो गई है।
बता दें कि सिंधिया और शर्मा विवाद पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है। कुछ दिनों पहले सिंधिया को चेयरमैन पद से हटाकर प्रताप भानु खुद चेयरमैन बन गए थे। उन्होंने कहा कि सोसायटी के पूर्व पदाधिकारियों एवं कतिपय सदस्यों पर संस्था विरोधी कार्य एवं अनुशासनहीनता करने का आरोप है। इसके अलावा एसएटीआई के वर्तमान डायरेक्टर डाॅ. जेएस चौहान को भी संचालक पद से हटाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने भी 14 दिसंबर 2017 को प्रतापभानु शर्मा द्वारा बनाई गई नई एमजेईएस कमेटी को 13 दिसंबर 2018 तक के लिए मान्यता दे दी है। शर्मा ने बताया कि एसएटीआई डायरेक्टर के पद पर डाॅ.चौहान की नियुक्ति एआईसीटी से अनुमोदन के बिना की गई थी।
नए चेयरमैन प्रतापभानु शर्मा ने एसटीआई में विकास कार्यों के लिए नपाध्यक्ष मुकेश टंडन, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन श्यामसुंदर शर्मा और डा.पदम जैन की 3 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी संस्था, प्रशासन और संबंधित विभागों से समन्वय का कार्य करेगी।