मुंबई। शशि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं परंतु उनकी बातें और यादें हमेशा खिलते फूल की तरह महकतीं रहेंगी। उनके फिल्मी करियर में सत्यम शिवम् सुन्दरम की खास जगह है। इस फिल्म में उन्होंने अहम् किरदार निभाया था। राज कपूर ने इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया था। असीम छाबरा द्वारा शशि कपूर पर लिखी गई बायोग्राफी में इस बारे में पूरी कहानी है कि राज कपूर अपने भाई शशि कपूर को टैक्सी कह कर क्यों बुलाते थे। किताब में इस बात का भी जिक्र है कि राज कपूर हमेशा मस्ती मजाक में शशि को टैक्सी कहते थे, क्योंकि शशि कपूर किसी को भी कभी भी अपनी कार में बिठा लेते थे। यही वजह थी कि राज कपूर कहते थे कि वह ताक्सु हैं।
दरअसल, राज कपूर के जेहन में यह बात घर कर गई थी कि अगर इस फिल्म का हिस्सा कोई बनेगा तो वह शशि कपूर के अलावा कोई हो ही नहीं सकता है। यही वजह है कि राज कपूर ने शशि के अनुसार अपना पूरा वक़्त तय किया था। यही वजह थी कि जब शशि राज कपूर के साथ काम करते थे, वह उस दिन दिनभर काम करते थे। वह एक दिन में चार से पांच शिफ्ट भी पूरी करते थे। ऐसा भी कई बार होता था कि शशि कपूर कार में ही सो जाया करते थे। उन दिनों उन्हें अपनी ऐसी लाइफस्टाइल के कारण, चूंकि कार ही उनके लिए सेमी पर्मानेंट एड्रेस बन चुका था। उनका निकनेम ही टैक्सी कर दिया था।
किताब में इस बात का जिक्र है कि जब सत्यम शिवम् सुन्दरम की शूटिंग चल रही थी तब भी राज कपूर जब गुस्सा करते थे तो वह जीनत और शशि को यही कहते थे कि तुम लोग स्टार नहीं हो, तुम लोग टैक्सी हो। जो भी मीटर डाउन करता है, तुमलोग वहां चले जाते हो। दो घंटे यहां तो दो घंटे दूसरे सेट पर। इसलिए तुम सब आर्टिस्ट अब टैक्सी बन गए हो। बता दें कि, शशि कपूर का आज सोमवार को निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।