
भर्ती बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय ने 41,982 सिपाहियों के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसमें पीएसी के लिए 7000 जवानों की मांग शामिल थी। बाद में पीएसी मुख्यालय ने डीजीपी मुख्यालय को लगभग 20 हजार सिपाहियों की मांग और भेज दी। इसके बाद प्रस्ताव में बदलाव का निर्णय किया गया। नया प्रस्ताव आने और फिर भर्ती का विज्ञापन निकालने का काम अगले 20-22 दिनों में होना मुश्किल नजर आ रहा है।
हालांकि भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जीपी शर्मा के अनुसार, आवेदन से लेकर भर्ती प्रक्रिया पूरी किए जाने तक का एक सेट प्रारूप है। ऐसे में नया प्रस्ताव मिलने के बाद अधिकतम एक सप्ताह में विज्ञापन जारी किया जा सकता है।
आर्म्ड पुलिस में पहले से ही 18 हजार सिपाहियों के पद खाली
उधर, अपर पुलिस महानिदेशक (पीएसी) राजकुमार विश्वकर्मा का कहना है कि पीएसी में फिलहाल लगभग 36 हजार रिक्तियां हैं। डीजीपी मुख्यालय से इस साल 20 हजार जवानों की नई भर्ती की मांग की गई है। पीएसी के जवानों के साथ-साथ जिलों की आर्म्ड पुलिस, एसडीआरएफ, मेट्रो, एटीएस, एसटीएफ को कमांडो और सुरक्षा मुख्यालय में तैनात पुलिस कर्मी पीएसी से ही उपलब्ध कराए जाते हैं। जिलों की आर्म्ड पुलिस में पहले से ही 18 हजार सिपाहियों के पद खाली हैं।
वहीं मेट्रो, एसडीआरएफ , एसटीएफ व एटीएस के लिए नए पद सृजित किए गए हैं। हर साल लगभग ढाई हजार पद रिटायरमेंट के कारण खाली हो जा रहे हैं। इनकी भरपाई भी पीएसी को करनी है। विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने पीएसी की कुल लगभग 36 हजार रिक्तियों को दो या तीन बार में भरे जाने के लिए डीजीपी मुख्यालय को लिखा है। डीजीपी मुख्यालय अगर पीएसी मुख्यालय की मांग मानता है तो नई भर्ती 42 हजार के स्थान पर लगभग 55 हजार की होगी। हालांकि अंतिम निर्णय डीजीपी मुख्यालय को करना है। इसके बाद ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।