
वर्ल्ड इनइक्विलिटी लैब के अध्ययन के अनुसार भारत में आर्थिक असमानता काफी व्यापक है और यह 1980 के दशक से लगातार बढ़ रही है। इसमें कहा गया है कि आय असमानता ऐतिहासिक रूप से काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। शीर्ष 0.1 प्रतिशत आमदनी वाले लोगों की कुल संपदा निचले 50 प्रतिशत लोगों से अधिक हो गई है। आय असमानता में बढ़ोतरी 1947 में देश की आजादी के 30 साल की तुलना में उलट है। उस समय आय असमानता काफी घटी थी और निचले 50 प्रतिशत लोगों की संपत्ति राष्ट्रीय औसत की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ी थी।
इस रिपोर्ट को अर्थशास्त्रियों फाकुंडो एल्वारेडो, लुकास चांसल, थॉमस पिकेटी, इमानुअल साइज और गैब्रियल जकमैन ने संयोजित किया है। इसमें पिछले 40 बरस के दौरान वैश्वीकरण के असमानता वाले प्रभाव को दर्शाया गया है। रिपोर्ट कहती है कि देश के शीर्ष एक प्रतिशत आय वाले लोगों के पास राष्ट्रीय आय का 22 प्रतिशत था। वहीं शीर्ष दस प्रतिशत के पास 56 प्रतिशत हिस्सा था।