NORTH KOREA के तानाशाह किम जोंग-उन ने एक अधिकारी को मिसाइल परीक्षण में देरी के कारण सजा-ए-मौत दे दी। इस अधिकारी ने न्यूक्लियर बेस पर हुई हादसे की जिम्मेदारी ली थी जिससे परीक्षण कुछ दिन के लिए टल गया था। 5 दिन पहले ही, ‘उत्तर कोरिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली शख्स’ कहा जाने वाला अधिकारी लापता हो गया था। माना जा रहा है कि हालिया शिकार ब्यूरो-131 का डायरेक्टर था, जो न्यूक्लियर बेस को चलाने और इमारत का प्रभारी था की भी हत्या की जा चुकी है। सनकी तानाशाह किसी भी स्थिति में अपने परमाणु शक्ति प्रदर्शन को रोकना नहीं चाहता। इधर रिपोर्ट आई है कि उत्तर कोरिया के परीक्षणों के कारण भूकंप आ सकता है।
जापानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक वह तब से न्यूक्लियर बेस का संचालन देख रहा था, जब से इसकी स्थापना हुई थी। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि प्योंगयंग के छठे मिसाइल परीक्षण में देरी और सुरंग के ध्वस्त होने के कारण किम जोंग ने दोनों अधिकारियों को मौत की सजा दी है। सुरंग के ध्वस्त होने से वहां काम कर रहे तकरीबन 200 लोगों की जान चली गई थी। सूत्रों के मुताबिक अधिकारी ने लंबे समय तक चले खनन कार्य के कारण परीक्षण की तारीख में देरी होने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। ज्ञात हो कि लॉन्चिंग की तारीख सितंबर तक चली गई, जो पहले फरवरी महीने में तय थी।
जानकारों की मानें तो लगातार हो रहे भूकंप के कारण अब वह इलाका और परीक्षण के लिए अनुकूल नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने भी नार्थ कोरिया को वार्निंग देते हुए कहा कि उत्तर पश्चिम इलाके में हुए दूसरे परमाणु परीक्षण के बाद कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्योंगयांग का हालिया परीक्षण पुंग्ये-री के मिलिट्री कैंप स्थित माउंट मंटप में किया गया, जो कि उत्तर कोरिया के उत्तर-पश्चिम छोर पर स्थित है। यह इलाका तीन भूंकप के झटके झेलने के बाद ‘टायर्ड माउंटेन सिंड्रोम’ से जूझ रहा है।