
8 जनवरी 2018 को हाईकोर्ट ने एसबीआई को अगली सुनवाई में सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इसके साथ चयनित पीओ की वैधता कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगी। जबकि इसके जवाब में एसबीआई ने कहा है कि यह बैंक का विशेषाधिकार है और कटऑफ कम किया जा सकता है। इसमें 2313 पीओ पद के लिए 9 लाख उम्मीदवार प्री एग्जाम में बैठे थे। दरअसल इसमें तीन ऐसे छात्रों का चयन हुआ है जिनके गणित (डेटा इंटरप्रिटेशन एंड एनालिसिस) में जीरो नंबर आए। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जांच होने पर ऐसे छात्रों की संख्या और बढ़ सकती है। करीब दो दर्जन छात्रों ने याचिका दायर की थी। पीओ में 0.3 से लेकर 2 नंबर से ही इन छात्रों का पीओ में चयन होने से रह गया।
गौरतलब है कि 6 फरवरी 2017 को एसबीआई ने विज्ञापन निकाला जिसमें बैंक ने चारों विषयों में न्यूनतम कटऑफ की बात कही थी। 29-30 अप्रैल और 6-7 मई को चार चरणों में प्री एग्जाम हुए। फिर 4 जून को मेन्स और 4 से 16 सितंबर तक इंटरव्यू का दौर चला। इसके स्कोरकार्ड के साथ फाइनल रिजल्ट 25 अक्टूबर को आया। मामला उजागर होने के बाद 27 अक्टूबर को इस संबंध में आरटीआई फाइल हुई।