
हजारों फर्जी बीपीएल कार्ड मिले
अधिकारिक जानकारी के अनुसार शहर की राशन दुकानों पर बडी संख्या में फर्जी गरीबी राशन कार्डो के आधार पर सस्ता राशन बेचे जाने की शिकायतें मिलने के बाद पूर्व कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने विगत 26 अप्रैल को राशन दुकानों की जांच के आदेश दिए थे। जांच के दौरान जांच दलों ने एक-एक राशन दुकानों पर पहुंच कर राशन कार्डों को सत्यापित करने का काम किया। करीब आठ महीने चली जांच में हजारों की संख्या में फर्जी परिवारों का पता चला, जिनके नाम पर गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए गए थे और सस्ता अनाज इन राशन कार्डो के नाम पर आवंटित कर खुले बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा था।
सिर्फ 8 दुकानों की जांच में 10 करोड़ का घोटाला
सिटी एसडीएम अनिल भाना द्वारा आठ राशन दुकानों की जांच में कुल 9 करोड 80 लाख रुपए का घोटाला सामने आया। जांच रिपोर्ट के आधार पर कल एसडीएम ने स्वयं स्टेशन रोड थाने पर पहुंच कर घोटाले में शामिल कुल बाइस शासकीय अधिकारियों व राशन दुकान संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिला आपूर्ति अधिकारी रमेशचन्द्र जांगडे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वंदना बंबेरिया, सहा.आपूर्ति अधिकारी मुकेश पाण्डे, नगर निगम के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी राजेन्द्र सिंह पंवार, तत्कालीन स्वास्थ्य निरीक्षक रवीन्द्र ठक्कर, पोर्टल ठेकेदार यशवन्त गर्ग तथा आठ राशन दुकान संचालकों के विरुद्ध गबन,धोखाधडी, कूट रचित दस्तावेजों से षडयंत्र करना, आवश्यक वस्तु अधिनियम और आईटी एक्ट इत्यादि की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए है।
स्टेशन रोड पुलिस थाना प्रभारी अजय सारवान ने बताया कि बीती रात ही एफआईआर दर्ज की गई है। घोटाले से सम्बन्धित दस्तावेज इत्यादि प्राप्त करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। बताया गया है कि शहर में साठ से अधिक राशन दुकानें संचालित है। प्राथमिक तौर पर केवल आठ दुकानों की जांच की गई है। सभी राशन दुकानों में यदि इसी औसत को आधार मान लिया जाए तो 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आएगा।