नई दिल्ली। चीन की सेना ने एक बार फिर भारत की सीमाओं में दखल देने की कोशिश की है। सड़क बनाने वाले इंजीनियर्स के साथ कुछ वर्दीधारी सैनिक भारत की सीमा में 1 किलोमीटर अंदर तक घुस आए। भारतीय सेना ने उन्हे इसकी जानकारी दी और वापस लौटाया। भारतीय सेना का रुख देखकर घबराई टीम अपना सामान भारतीय सीमा में छोड़कर चीन वापस लौट गई। सूत्रों ने बताया कि चीन की सिविलियन टीम ट्रैक अलाइनमेंट के लिए आई थी और भारतीय सेना से सामना होने के बाद वापस लौट गई। उन्होंने बताया कि चीनी टीम ने रोड बनाने में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरण भारतीय इलाके में ही छोड़ दिए। हालांकि एक स्थानीय ग्रामीण के मुताबिक चीनी टीम में सिविलियन के अलावा वर्दीधारी सैनिक भी थे।
यह घटना 28 दिसंबर की बताई जा रही है। 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के खत्म होने के करीब 4 महीने बाद एक बार फिर चीन की तरफ से ऐसी घटना हुई है। सूत्रों ने बताया कि 28 दिसंबर को इंडियन बॉर्डर पट्रोलिंग टीम ने पाया कि चीन की एक टीम तूतिंग इलाके में ट्रैक अलाइनमेंट कर रही है। सूत्र ने बताया कि हालांकि दोनों पक्षों के आमने-सामने होने की घटना नहीं हुई और तय प्रक्रिया के तहत ही मामला सुलझा लिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक चीनी सैनिक सड़क बनवाने के काम में शामिल थे। भारतीय सुरक्षाबल ने उन्हें तूतिंग सबडिविजन बिसिंग गांव के पास ऐसा करते देखा। ग्रामीणों के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने चीनी टीम के रोड बनाने के उपकरण सीज कर लिए। एक ग्रामीण ने बताया कि घटनास्थल से करीब 7-8 किमी के एरियल डिस्टेंस सियांग नदी के किनारे गेलिंग से भी रोड कटिंग साफ देखी जा सकती है।
उनके मुताबिक हाल में काटी गई सड़क पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा दिए और बोल्डर की दीवार खड़ी कर दी। ग्रामीणों ने चीनी दल के घुसने की सूचना स्थानीय पुलिस जवान को दी। जवान ने बिशिंग में तैनात आईटीबीपी तक इसकी जानकारी पहुंचाई। आईटीबीपी के जवानों ने मौके पर पहुंचकर चीनी पक्ष को वापस लौटने को कहा। दोनों पक्षों में कहासुनी भी हुई लेकिन चीनियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। भारतीय सेना को भी घटनास्थल पर पट्रोल के लिए भेजा गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक जवान अभी वहीं मौजूद हैं।
हालांकि यह इलाका आईटीबीपी के दायित्वक्षेत्र में आता है लेकिन यहां भारी संख्या में आर्मी भी तैनात है। इस संबंध में जब अपर सियांग के डीसी से संपर्क किया गया तो उन्होंने किसी भी तरह की चीनी घुसपैठ की रिपोर्ट होने से इनकार कर दिया।