भोपाल। मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की भयावह स्थिति बन गई है। केन्द्र सरकार की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि प्रदेश में दिसम्बर 2017 की स्थिति में 23 लाख 90 हजार बेरोजगार हैं। इनमें हर सातवें घर में एक शिक्षित युवा बेरोजगार बैठा है। पिछले दो साल में 53 फीसदी बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है। आंकड़े बोल रहे हैं कि मध्यप्रदेश में करीब 1 करोड़ 41 लाख युवा हैं। पिछले दो सालों में राज्य में 53 प्रतिशत बेरोजगार बढ़े हैं।दिसम्बर 2015 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 15 लाख 60 हजार थी जो दिसम्बर 2017 में 23 लाख 90 हजार हो गई है। प्रदेश में 48 रोजगार कार्यालयों ने मिलकर 2015 में कुल 334 लोंगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया है।
पटवारी भर्ती में रजिस्टर्ड हुई बेरोजगारी
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पटवारी के लिए 9238 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। पटवारी बनने के लिए 12 लाख से अधिक युवाओं ने फार्म भरे। इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का सामने आना राज्य सरकार के लिए चुनौती है। बेरोजगारी की समस्या पर सत्यप्रकाश त्रिपाठी कहते हैं कि वे एमएससी हैं, रोजगार की आस में तीन डिग्री और हासिल कर ली। वे समाजशास्त्र विषय में विश्वविद्यालय टॉपर हैं। ग्रामीण विकास में डिप्लोमा किया है। बीएड और एमफिल भी कर लिया, फिर भी बेरोजगार हैं। रोजगार नहीं मिलने की गुस्सा सागर जिले के देवरी तहसील निवासी राजेन्द्र बड़कुल के पुत्र अनुराग में इस तरह फूटी कि उन्होंने बहन की शादी कार्ड में लिखा कि ‘मेरी भूल कमल का फूल।’
बनाई बेरोजगार सेना
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट अक्षय हुंका ने बेरोजगार सेना बनाई है। उन्होंने बताया कि बेरोजगार सेना शिक्षित युवा गांरटी कानून की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। सेना में दो हजार से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं।