नई दिल्ली। PUNJAB के ऊर्जा और सिंचाई विभाग के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने रसोइए को 27 करोड़ का ठेका दिलवाया था। बताया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष RAHUL GANDHI ने RANA GURJEET SINGH से इस्तीफा मांग लिया था। इसी के बाद राणा गुरजीत सिंह ने अपना RESIGNATION मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेज दिया है। इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं इस पर फिलहाल संशय बरकरार है। राणा गुरजीत सिंह पिछले साल मई माह में उस वक्त चर्चा में आए थे, जब नेपाली मूल के उनके रसोइए अमित बहादुर को 26.51 करोड़ रुपए का खनन ठेका मिला था। रेत की यह खान नवांशहर के शेदपुर खुर्द गांव में स्थित है।
गैर कानूनी रूप से विदेशी फंड जुटाने का आरोप
इसके अलावा राणा गुरजीत सिंह के करीबी कैप्टन जे रंधावा को भी करोड़ों रुपए के खनन के ठेके मिले थे। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने रसोइए के नाम पर एक कंपनी बनाई और उसमें उनके ही विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाले एक ठेकेदार से 5 करोड़ रुपए जमा किए गए। इसके अलावा मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनी RANA SUGARS LIMITED पर विदेशों से गैरकानूनी तरीके से 100 करोड़ रुपए जुटाने और फिर उस पैसे को एक विदेशी BANK में रखने का आरोप भी है।
रेत के अवैध खनन का मुद्दा
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों ने पंजाब की कांग्रेस सरकार में हुए रेत खनन घोटाले को जोर-शोर से उठाया था, जिससे पार्टी और सरकार की खूब बदनामी हुई थी। राणा गुरजीत सिंह अकाली दल और आम आदमी पार्टी के निशाने पर थे क्योंकि कांग्रेस ने रेत के अवैध खनन को चुनावी मुद्दा बनाया था।